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रे दादा प्रट्टी वरतणो लाई रे नी रहूंगा। ढेकरिया में, हाकम वण जाऊं रे ॥
संवाद माता धारणी पुत्र-प्राज्ञा देदे मैया प्रेम से संयम लेऊं मैं धार
माता धारणी ॥ माता-संयम मत ले रे हम को छोडके संयम है खांडा धार
बेटा मान जा ॥ पुत्र-गुरुदेव का ज्ञान श्रवण कर छूटा मोह विकार
माता धारणी ॥ माता-सर्दी गर्मी सहेगा कैसे तन है अति सुकुमार
बेटा मान जा ॥ पुत्र-चाहे जितना लाड लडाओ तन होवेगा छार
माता धारणी ॥ माता-अन्धे की लाटी है लाला तू है पालनहार
बेटा मान जा ॥ पुत्र-भाग्य लिखा सब होवेगा माता कोई न पालनहार
माता धारणी ॥ माता-तुझ बिन प्राण रहेंगे कैसे तू जीवन आधार--
बेटा मान जा ॥ पुत्र-झूठा है सब नाता माता मतलब का संसार
माता धारणी ॥
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