Book Title: Mahatma Jati ka Sankshipta Itihas
Author(s): Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 76
________________ (५५) देखी श्रीपार्श्व तणी मूर्ति अलवेलडी उज्ज्वल भयो अवतार रे । मोक्षगामी भव थी उगारजो शिवधामी भव थी उगारजो॥ जैनों बच्चों को आप पढाया करो जैनों बच्चों को आप पढाया करो । उन्हें वीर सन्तान बनाया करो ॥ जिस देश में विद्या कला का खूब ही प्रचार है । इतिहास उनका देख लो वे शक्ति का भंडार है ॥ ऐसी बातों पे ध्यान लगाया करो । जैनों बच्चों को श्राप पढाया करो । थी भली वो औरतें तब शांति का साम्राज्य था । धन्यधान्य पूर्ण देश था स्वाधीनता का राज्य था ॥ निज नाम को श्राप बढाया करो । जैनों बच्चों को आप पढाया करो ॥ दुर्भाग्यवश इस जाति की ख्याति अति जाती रही । सब लालची हो कर विद्या कला जाती रही ॥ ऐसी नींद को श्राप उडाया करो । जैनों बच्चों को आप पढाया करो ॥ फतह चाहो उन्नति तो ज्ञान का प्राधार लो । शिक्षित बनाना बालकों का पुण्य का आभार लो ॥ प्राप बालकों को शान दिलाया करो। जैनों बच्चों को श्राप पढाया करो ॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120