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( ५१ ) जय महावीर जय महावीर गाये जा जय महावीर गाये जा, जय महावीर गाये जावीर का सन्देश बन्धु विश्व को सुनाये जा ।
सच्ची राह दिखाये जा ॥ यह संसार है असार धर्म ही है इस में सार । रत्नत्रय धार प्यारे मोक्ष मार्ग पाये जा ॥
उनका प्रण निभाये जा ॥ है अनादि में फंसा मोह के तू जाल में । शुद्ध भाव धारके उस से पिण्ड छुडाये जा ।
दुख को मिटाए जा ॥ कर्म शत्रु है महान तू भी तो महान है । ध्यान की कमान तान उन को तू भगाये जा ।
वीरता दिखाये जा ॥ अनादि काल में फंसा इस से तेरा क्या हुआ। बन्धन तोड अनादि का आत्म शुद्ध बनाए जा ॥
ध्यान तू लगाये जा ॥
भगवान महावीर जो दुनिया में न आते भगवान महावीर जो दुनिया में न आते । दुख दर्द दुनिया का कहो कौन मिटाते ॥
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