Book Title: Mahatma Jati ka Sankshipta Itihas
Author(s): Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 62
________________ (४१) होगये दोसो साल समझलो मात क्यो पीछे पर गयेरे बन्दे मातरम् ॥ बाबा गांधी और मौलाना । किया वही जो दिल में लाना ॥ विदा किये महमान पकड कर कान यो गोरों से भिड गये रे । वन्दे मातरम् ॥ बेटी लार्ड लुई माउन्टबेटन । वीर जवाहर है शान हिन्द की ॥ यो जिन्ना पाकिस्तान दो टुकडे उड गये रे ॥ तिरंगे चढ गये रे वन्दे मातरम् ॥ वीर शिरोमणि देश म्हारो वीर शिरोमणि देश म्हाने प्यारो लागे छ । ऊंचा ऊंचा मगरा ऊपर ऊंचो गढ चित्तौड । और जगत री गढियाँ सारी सघलां रो सिरमौड ॥ म्हाने प्यारो लागे के ॥ म्हारो० ॥१॥ निर्मल जल से भरिया सरवर ढेवर राजसमन्द । पिछोला री देख छटा म्हाने प्रावे घणो प्रानन्द ॥ म्हाने प्यारो लागे के॥ म्हारो० ॥२॥ कल कल करती नदियां बहवे बेडच और बनास । पांचों धाम रा तीरथ इण में पूरे मन की प्रास ॥ म्हाने प्यारो लागे के।। म्हारो ॥३॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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