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लब्धिसूरि तुम्ही से आशा रखे हजारे ॥ है वो ही जो विगडी हुई तदबीर सुधारे ॥ गाले० ॥ ३॥
तर्ज-अंखिया मिला के.. सिद्ध गिरि जा के दर्शन पाके जिया सुख पाना
हो हो जिया सुख पाना । ऊंची २ देरिया में प्रभुजी बिराजे मोरा । चढ गिरिवर में तो पास श्राऊजी तोरा ॥
सिद्धगिरि जा के- ॥१॥ इणि गिरिवरियेजी साधु अनन्ता सिद्धा । कांकरे कांकरे सिद्ध जग प्रसिद्धा ।
सिद्धगिरि जा के ॥२॥ तीरथ का धाम देखो दादाजी दर्शन पाये। देखोजी देखो प्रातम विजय सुख मिलाये ॥
सिद्धगिरि जा के ॥३॥
तर्ज-जब तुम्हीं चले परदेश अब सुनो सहु सन्देश प्रभु आदेश । सदा सुखकारा जीवन में वो ही सहारा ॥
जब प्राफत घिर घिर पाएगी । कर्मन की फौज सतायगी ॥
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