Book Title: Jivsamas
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 11
________________ विषयानुक्रमणिका ____ix पृष्ठ संख्या १७१ १७२ १७४ १७५ १७६ १७७ १७७ १७९ विषय गाथा सर्व जीवों एवं मनुष्यों का जघन्य आयु काल २१२ २. कायस्थिति काल सर्वपञ्चेन्द्रिय जीवों की कायसिन 147 एकेन्द्रिय जीवों की स्थिति २१४ विकलेन्द्रियादि जीवों की कायस्थिति २१६ पञ्चेन्द्रिय, तिर्यञ्च व मनुष्य की कायस्थिति २१७ ३. गुणविभाग काल गुणस्थानों का काल २१९ सासादन एवं मिश्र गुणस्थान का काल २२० मिथ्यात्व गुणस्थान काल २२२ अविरत सम्पग्दृष्टि एवं देशविरत गुणस्थान का काल २२३ क्षपकादि का काल २२४ प्रमत्ताप्रमत्त, उपशम, उपशान्तमोह गुणस्थान काल २२५ नारकी में मिथ्यात्व गुणस्थानकाल २२६ तिर्यञ्च एवं मनुष्य का मिथ्यात्वकाल २२७ मनुष्य में सासादन एवं मिन गुणस्थान काल २२८ काययोग स्त्रीवेद एवं पुरुषवेद का उत्कृष्टकाल २३० योग, उपयोग, कषाय तथा लेश्या का उत्कृष्ट काल २३१ ज्ञान, चारित्र का काल २३२ विभंगज्ञान, चक्षुदर्शन, अचक्षुदर्शन का काल २३३ भव्यादि का काल २३४ काययोगादि तीन योगों का काल २३५ वेदादि का काल २३६ चारित्र का जघन्य काल २३७ चारित्र का उत्कृष्ट काल (अनेक जीवाश्रयी) २३८ वैक्रिय, आहारक एवं मिश्रकाययोगकाल २३९ अजीवों का स्थितिकाल १८० १८० १८२ १८३ १८४ २२१ १८५ १८५ १८६ १८७ १८५ १९० १९१ १९३ १९३ ११५ १९६ २४२

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