Book Title: Jaina Meditation Citta Samadhi Jaina Yoga
Author(s): Nathmal Tatia
Publisher: Jain Vishva Bharati
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________________ जैन परम्परा में योग 21 अमितगति श्रावकाचार : प्रकाशक-दिगम्बर जैन पुस्तकालय, सूरत, वि०सं० 2015 प्रात्मानुशासन (गुणभद्र) : प्रकाशक-श्रीमद् राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, आगास, 1674 पादिपुराण (जिनसेन) : प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, सन् 1951 प्राध्यात्मिक विकासक्रम (पं० सुखलाल संघवी) : प्रकाशक-गुर्जर ग्रन्थरत्न कार्यालय, अहमदाबाद, सन् 1928 आनन्दघन ग्रन्थावली : सम्पादक-महताबचंद खारैड़ विशारद, प्रकाशक-श्री विजयचन्द जरगड़, जौहरी बाजार, जयपुर-३ आभा मण्डल : लेखक-युवाचार्य महाप्रज्ञ, प्रकाशक-प्रादर्श साहित्य संघ, चुरू, सन् 1980 प्रायारो : सम्पादक-मुनि नथमल, (सम्प्रति युवाचार्य महाप्रज्ञ), प्रकाशक-जैन विश्व भारती, लाडनूं, वि०सं० 2031 आराधना (जयाचार्य) : सम्पादन/अनुवाद-साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा, प्रकाशक जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज.), सन् 1981 पाराधनासमुच्चय : योगसारसंग्रहश्च : सम्पादक–डा० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी, सन् 1967 पाहद्दर्शन दीपिका (मंगलविजय) : प्रकाशक-यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, काशी, वि० सं० 2458 आवश्यक चूणि : आवश्यक नियुक्ति (हरिभद्रीय टीका) : ध्यान शतक पर प्राचार्य मलधारी हेमचन्द्र सूरिकृत टिप्पण, प्रकाशक-१-दे० ला० जैन पुस्तकोद्धार फण्ड, सूरत, २–पागमोदय समिति, मेहसाना आवश्यकनियुक्तिदीपिका : भाष्यकार-माणिक्यशेखरसूरि, प्रकाशक-जैन ग्रन्थ माला, सूरत, सन् 1936 इष्टोपदेश (पूज्यपाद) : प्रकाशक-परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, सन् 1954 उत्तराध्ययनानि (चूणि सहित) : प्रकाशक— ऋषमदेव जी केशरीमलजी श्री श्वेता म्बर संस्था, रत्नपुर, (मालवा), सन् 1933 -उपमितिभवप्रपञ्चकथा (श्री सिद्धर्षिगणि) : सम्पादक-मुनि चन्द्रशेखरविजय, 'प्रकाशक-कमल प्रकाशन, रतनपोल नाका, अहमदाबाद - उबासगदसाम्रो (देखिये, अंगसुत्ताणि भाग-३) : सम्पादक-मुनि नथमल, (सम्प्रति

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