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प्रतिमा-लेख-संग्रह
( संग्राहक-बाकामता प्रसाद जी जैन )
श्री दि० जैन -पंचायती (बडा) मन्दिर मैनपुरी (गंज)
1 ऋषभदेव-चिह्न बैल-कृष्ण पाषाण-२८ अं० उचाई–लेख-"मितो माघ वदी : सम्वत्
१९३५ माथे। मैनपुरी मुहकमगंज के।" २ ऋषभदेव-चिह्न बैल-धातु-१४ अं०-प्रासन में शासनदेवता गोमुखाकार गोमुख और
चक्रेश्वरी तथा २ सिंह हैं-लेख-"सम्वत् १५४५ घर्षे वैशाख सुदि १० चन्द्रदिने - श्रीमूलसंधे सरस्वतीगच्छे बलात्कारगणे श्रीकुन्दकुन्दाचार्यान्वये भट्टारक श्रीजिनचन्द्र
देवाः वाहिया-कुलोद्भव साहु लखे भार्या कुसुमा तयो पुत्र साहु मल्लू तस्य भार्या उदयश्री तयो पुत्र चन्द्र ज्येष्ठ, सा० लहण तत्कनिष्ट सा. छोटे तत्कनिष्ठ सा. वीर सिंह तस्कनिष्ठ सा. अर्जुन तस्कनिष्ठ सा० प्रभू तत्कनिष्ठ सा० पल्टू तस्कनिष्ट सा० वल्दू
तेषां मध्ये सा० अर्जुन तस्य भार्या मता तेन अर्जुनेनेदं श्रादीश्वरविंबं रच पूजनार्थ
___ कराषितां।" ३ ऋषभदेव-चिह्न बैल --मूलवर्ण पाषाण-३१ अं०-"मितो माघ वदी १ सम्वत् १९३१ मध्ये
___ मैनपुरी मुहकमगंल के सकल पंचन के।" समवशरण में विराजमान :४ शान्तिनाथ-चि० हिरण-सामान्य पाषाण-प्रासपास यक्षयक्षिणी मध्य में भामण्डल छत्रोपेत
. लिङ्गलेखादिरहित-१२ अं०-यह मूर्ति प्राचीन है। ५ पार्श्वनाथ - सर्प-श्वेत पा०-१० अं0-"स० १४१६ पटेर मध्ये भ० विश्वसेनप्रतिष्ठापितं ।" ६ चन्द्रप्रभु-धूसरवर्ण पा.-११ अंo-"सम्बत् १६१० मिती माघ सुदी १४ शनि काष्टासंघे
लोहाचार्यान्नाये भ० राजेन्द्रकीर्ति देवास्तदाम्नाये अनोत्कान्वये वातिलगोत्र साधु श्रीसाखीलाल तत्पुत्र मुनिसुव्रतदासेन सकल भ्रातृवर्ग तस्सिन्ट्यर्थ श्रीजिनबिंब
प्रतिष्ठाकारापित *इस संग्रह में उन प्रतिमाओं का विवरण दिया जाता है जिनमें लिंग-चिह्न प्रकट नहीं है और जो दिगराम्नाय के जैन-मन्दिरों में विराजमान हैं।
मौलिकता लुप्त हो जाने के खयाल से इस प्रतिमा-लेख संग्रह के लेखों की भयंकर अशुद्धियां ज्यों की त्यों छोड दी गयी हैं। सम्पादक