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किरण ३ ]
प्रतिमा-लेख-संग्रह १० सम्यग्दर्शन यंत्र-"संवत् १७७२ वर्षे फाल्गुणवदो है चंद्र श्री मूलसंघे वलात्कारगणे सरस्वती
गच्छे कुंदकुंदाचार्याम्नाये भ० श्री देवेन्द्रभूषण देवास्तत्पट्ट भ० श्रीसुरेन्द्र भूषण देवास्तस्मात् ब्रह्म जगतसिह गुरुपदेशात् तदाम्नाये लम्बक कान्वये बुढेले ज्ञातोये कौआ गोत्र श्री सा० सिवरामदास भा० देवजावी तयो पुता वय ज्येष्ठ देवीदास भार्या द्वौ ज्येष्ठ लालकुंवरि तस्या पुता त्रय ज्येष्ठ शोभाराम भा० जाम्वतो. तयो पुत्र निहालचन्द्र द्वि० अतिराज भा० जयकुंवरि तृतीय खेमराज भा० सम्वेधी पुनः द्वितीय नन्द राम भार्या घोका तयो पुत्र महानन्द भा० सुमित्रा पुनः तृतीय गरहरदास भा० भवानी तयो पुत्र द्वौ ज्येष्ठ वटऊ मल भा० कमलकुंवरि द्वि० शिवानन्द भा० बलको एतेषां मध्ये देवीदास नित्वं
प्रणमंति । ११ दशलक्षणयंत्र - "सं० १७६१ वर्षे फाल्गुण सुदो ६ बुधवासरे शुभ दिने मूलसंधे सरस्वतीगच्छे
बलात्कारगणे श्रीकुन्दकुन्दाचार्यान्वये भ० श्रीविश्वभूषणदेवास्तस्पट्ट' भ० श्रीदेवेन्द्रभूषण देवास्तत्पट्ट भ० श्री सुरेन्द्रभूषण देवास्तदाम्नाए बुढेलान्वये गृगगोत साहु तुलाराम सुपुत्र दारा सहितस्तस्यं ज्येष्ठपुत्र सा० देवीदासस्य दारा पुतौ विभूषित नित्यं सर्वे प्रणमंति। अटेरपुरे साहु तुलारामेण यंत्र
प्रतिष्ठा कारितः तत्र प्रतिष्टितम् ।' १२ षोडशकाणयंत्र- "सं० १८२८ मितो भाद्रव कृष्ण पंचमी शुक्र श्रीमूलसंघे बलात्कारगणे
सरस्वतीगच्छे कुन्दकुन्दाचार्यान्वये भ० श्री विश्वभूषणजो त० भ० देवेन्द्रभूषणजी त० भ० सुरेन्द्रभूषणजी त० भ० लक्षमीभूषणजी त० भ० जितेन्द्रभूषण जी तदाम्नाये पंडेलवालान्वये इष्वाकुवंशे छावरागोत्र नानिगराम नित्यं प्रणमंति ।
मैनपुरी के भगत जी के दिगंबर जैन मन्दिर का लेख-संग्रह ।
यंत्र-प्रशस्तियां (आठ यंत्र हैं, किन्तु प्रशस्ति किसी पर नहीं हैं )
लिंग-चिहन सहित प्रतिमाओं पर के लेखों का संग्रह । १ अनंतनाथ-श्वेतपाषाण-८ अं0-"सं० १९४५ माघकृष्ण २ श्रीमूलसंधे बलात्कारगणे
सरस्वतीगच्छे कुन्दकुन्दान्वये झन्मनलालेन प्रतिष्टितम् ।" २ पार्व-खड्गासन-४ खड़ग० मूर्तियां अगल बगल-यक्षयक्षिणी भामंडलादि-सहित-कृष्ण
पाषाण ४० अं०-"श्रीमूलसंधे सरस्वती गच्छे बलात्कारगणे कुंदकुंदाचार्यान्वये श्रीमंत श्री. हरेन्द्रभूषणजी उपदेसो नरंगी माथे मैंनपुरी साहु लाल मनीरामा मारगसुदी २ सं० १९४,
(२१ मूर्तियों में से कुलं दो मूर्तियाँ लिङ्ग-चिन्ह-सहित हैं।)