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जैनशिलालेख संग्रह
४०-४३
सावानिकोट ( कुर्नूल, आन्ध्र ) कड, ७वीं - ८वीं सदी
[ यहाँ एक खेतमे पाषाणोंपर निम्न नाम खुदे है
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१ श्री कोपा (शि) की निसिधि
२ संसारमीत
३ श्रीविमलचन्द्रन्
४ गणिगे महाव्रति
इनकी लिपि ७वी-८वीं सदीकी है । ]
[ "
४४
मावेर्ल ( कृष्णा, आन्ध्र ) तेलुगु, ८वीं सदी, पूर्वार्ध
४०
[रि० स० ए० १९३७-३८ क्र० ३३०, ३३२, ३३७, ३३९ पृ० ४१-४२ ]
[ यह लेख पूर्वीय चालुक्य राजा सकललोकाश्रय जयसिंहवल्लभ (द्वितीय) के राज्यवर्ष ८ मे लिखा गया था । दयावसन्त पृथिवीदेशरट्ट - गुडिके प्रपौत्र तथा धन्यवसन्त पृथिवीदेश रट्टगुडिके पुत्र कल्याणवसन्तुलुद्वारा अरहन्तभटारको कुछ भूमि दान दिये जानेका इसमे उल्लेख है । इस दानकी रक्षा कोठूरुके रट्टगुडि वंशके शासक करेंगे ऐसा लेखमें कहा है । ]
[रि० स० ए० १९४१-४२ क्र० १८ पृ० १३१ ]