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धर्मपुरी श्रादिके लेख
६१
धर्मपुरी (सालेम, मद्रास)
सन् ८९३, कन्नड
शक ८१८ =
मल्लिकार्जुन मन्दिरके आगे एक स्तम्भपर
[ राजा महेन्द्राधिराज नोलम्बके समय शक ८१५ मे यह लेख लिखा गया । इसमें निधियण्ण और चण्डियण्ण द्वारा मूलसंघ, सेनान्वय, पोगरियrus आचार्य विनयसेन सिद्धान्तभटारके शिष्य कनकसेन सिद्धान्तभटारको मूलपल्लि ग्राम दान देनेका उल्लेख है । ]
[ इ० म० सालेम ७४ ]
६२ सित्तन्नवासल ( पुदुकोट्ट, मद्रास ) ९वीं सदी, तमिल
३९
[ यह लेख पाण्ड्य राजा अबनिपशेखर श्रीवल्लभके समयका है । इलंगोतमन् ( इसीका नाम मदिरै आशिरियन् भी था ) द्वारा अन्तर्मण्डप - का जीर्णोद्धार तथा बाह्य मण्डपका निर्माण किये जानेका इसमें उल्लेख है । इस मन्दिरको अरिवन् कोयिल ( अर्हनमन्दिर ) कहा गया है । इस गुहामन्दिर के बाहरी भागपर कई यात्रियोंके नाम खुदे हैं जिनकी लिपि ७वीं सदीकी है । ]
[ रि० आ० स० १९२९-३० पृ० १६७-१६९रि० सा० ए० १९४०-४१ क्र० २१५ पृ० ९९ ]
६३
हेब्बलगुप्पे (मैसूर) ९वीं सदी, कन्नड
१ स्वस्ति श्रीनरसीगेरे अप्पोर दुग्गमार
२ कोल्विस दगे अरुगण्डुगब्बेदे मणू कोहर्