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सक्करेपण आदिके लेख
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सक्करपट्टण ( मैसूर )
शक १३२८= सन् १४०५, कन्नड
१ श्रीमत् परमगंमीरस्याद्वादामोघलांछनं (1) जीबात् त्रैलोक्यनाथस्य
शासनं जिनशासनं ( 1 ) .
२ श्रीमद् राय राजगुरु मण्डलाचार्य पुरविक्रमादित्य मध्याह्न -
श्रीमल्लक्ष्मीसेन मट्टारकरवर
३ कल्पवृक्ष सेनगणाप्रगण्यरुमध्य श्रीमत् श्रीमानसेनदेवर निषिधि शकव
४
. १३२८ नेय पार्थिव संवत्सर १० लु
५ श्रीमुत्तद होसऊर बैचसेहिय मक्कलु मायसेहि बोग्मि सेटि नागणसेहि अवर मोम्मक्कलु बैच
६ शेट्टीय तम्मसेट्टि को रिसेहि चिक्कवैवसेहि मादिसेहियर मक्कल को रिसेहियरु
[ यह लेख सेनगणके भट्टारक लक्ष्मोसेनके शिष्य मानसेन देवकी समाधिका स्मारक है । यह निषिधि मुत्तदहोसकरके बैचसेट्टि के पुत्र मायसेट्टि, वोम्मिसेट्टि आदि शक १३२७ मे स्थापित की थी । ]
[ ए०रि० मं० १९२७ पृ० ६२ ]
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कोरग (द० कनडा, मैसूर )
शक १३३१ = सन् १४१०, कन्नड
[ यह लेख केरवसेके राजा सान्तर वंशीय वीरभैरवके पुत्र पाण्ड्यभूपालके समय पुष्य शु० १०, गुरुवार, शक १३३१, सर्वधारि संवत्सरका है । इसमे बलात्कारगणके वसन्तकीतिराउलकी प्रार्थनापर बारकूरुकी सदिके लिए राजा द्वारा कुछ भूमिके दानका उल्लेख है । ]
[रि० स० ए० १९२८-२९ क्र० ५३० पृ० ४९ ]