Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 04
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 507
________________ नामसूची ईश्वर १२०.१ उरिगपसिडि २० उकाल ७४ ऊन १२७ उक्किसेट्टि २७३ अकाडु १७८ उगरगोल १४९ ऋषिदास ६ उगुरु २६३ ऋषिश्रृंगी १४९ उग्रवाडि १४४.५ एकवे २७३ उच्छंगि २०४, २६६ एकसंधि १७५ उज्जत ३२५ एकसंमि १८५ उज्जेनीपल्लीवाल ३९५, ४०८-९, एक्कसम्बुगे १८६ एक्कोटिजिनालय २१९-२० उज्वल १९२, १९७ एचलदेवी २०२-३, २१२ उडिपि ३०५ एचिकब्बे १२०-१ उडयार १२७ एचिसेट्टि २०५ उदय २३८, २४४ एटा २६१ उदयगिरेन्द्र ४०३ एडेनाडु २८ उदयचन्द्र १०७, ११०, २५८, एणक्कुनल्लनायकर् २५५ २७१ उदयपुर ७५, ३८६-८८ एरणदि १६७ उदयादित्य १२७, १५४, २०२, एरेकप ११७, १२० २११, २१७, २२४ एरेग ११६-७, १२०, १२४ उद्दरि २९३ एरेय ४३.४४ उद्योतकेसरी ५६-७ एरेयप ५८, ६० उमरावती ३९५,४१६ एरेयमय्य ११६, १२० उम्पटाचण बसदि ३७२ एरंयंग ५८, ६०, १२२-५, १५४, उम्बरवाणि २४६, २४९ १७६, २०२, २११, २७. उम्मत्तूर ७०, ३५८ एलवाचार्य २८, ३०

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