Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 04
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
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जैन शिलालेख संग्रह
वोजणसेट्टि २८६-७ व्याघ्ररक १९१.६ शक १२९ शंडयापार २७ शण्ब ३१७ शमणर तिडल् ३६६ शम्बुदेव २२९ शम्बुवराय ३६७ शर्कर ३४६ शशकपुर २०१ शंकरगण २९ शंकरदेवी ३१७, ३२६ शंकरसेट्टि ३२६ शंखजिनालय ५५, २०१, ३००,
३१५-६ शंखणाचार्य ३१८ शंखदेव ३८२ शाकम्भरा १८९ शान्तदेव २१४, २१६ शान्तर १३६, १८३ शान्ति १२०-१, १६१ शान्तिमाम २२४ शान्तिदास ४०५ शान्तिदेव १७५, २१४, २१६,
शान्तिनन्दि ९८ शान्तिनाथ ३७४ शान्तिभद्र ४८, ४९, ५२ शान्तिमुनि १२८ शान्तियवक १५३ शान्तिवर्मा १३, ९१, ९३ शान्तिवोर ३७.८, ३७७ शान्तिसेट्टि १६४, १८१, ३७४ शान्तिसेन ४१३ शाबल ३६३ शावड २२८ शास्त्रसारसमुच्चय २५९ शाहजहां ३४०, ३४३ , शिग्गांव २५ शिरसय ३५३ शिरूर ३७६ शिलाश्री १६१ शिलाहार १३५, १३८.९, १६२,
१६५-६, १८५ शिवकुमार १८, २० शिवडूंगर ३१० शिवनहसेट्टि २२५ शिवपुरी ३४१.२ शिवमार २६ शिवराम ३१९

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