Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 04
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 499
________________ मन्दिरों व मूर्तियोंका विवरण ४४१ पार्श्वनाथ (धातु २३ इं०) लेख क्र. ६४ ४४२ पार्श्वनाथ ( धातु ३ ० ) लेख क्र. ३१४ ४४३ यक्षिणी ( धातु ६ ई.) लेख क्र० १५६ [३१] गृहचैत्यालय-श्री०वर्धासा सकुसा महाजन, इतवारो ४४४ चौबीसी ( धातु ३३ इं० ) लेख क्र. १५६ ४४५ पाश्र्वनाथ (धातु ३ ई.) लेख ऋ० १६ ४४६ षोडशकारण यंत्र ( धातु ३ ई.) लेख क्र० १२२ ४४७ यक्षिणी (धातु ५ ई.) लेख क्र. १० ४५. यक्षिणी (धातु ५ ई.) लेख क्र. ११ ४४६ यक्षिणी ( धातु ५ ई० ) लेख क्र. १२५ ४५० यक्षिणी ( धातु ५ इं० ) लेख क्र. ४६ लेखरहित-पार्श्वनाथ ( धातु ५ इ० ) [३२] गृहचैत्यालय-श्री नत्थुसा पैकाजी चवरे, इतवारी ४५१ सुपार्श्वनाथ ( सफेद पा० ५ ई० ) लेख क्र. २६६ ४५२ चन्द्रप्रभ (धातु २ इं० ) लेख क्र. १६ ४५३ पाश्र्वनाथ (धातु २३ ई.) लेख ऋ० २७ ४५४ पार्श्वनाथ ( धातु २३ ई.) लेख क्र० २१३ ( दो मूर्तियाँ) ४५५ पार्श्वनाथ ( धातु २ इ० ) लेख ऋ० ३ १५ ४५६ पार्श्वनाथ ( धातु ३ .) लेख क्र. ३०८ ( दो मूर्तिण) ५५. यक्षिणी ( धातु ५ ई० ) लेख क्र. १०६ लेखरहित - पार्श्वनाथ (धातु २ इं०) [३३] गृहचैत्यालय-श्री रुख बसा पिंजरकर, इतवारी ४५८ पाश्वनाथ ( धातु २१ ई.) लेख क्र० २१३ [३४] गृहचैत्यालय-श्री लक्ष्मणराव देवमनसा बोबडे, इतवारी ४५५ पार्श्वनाथ { धातु ३६०) लेख क्र. १६६

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