Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 04
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 487
________________ मन्दिरों व मूर्तियोंका विवरण ४३९ १९२ सरस्वती ( धातु ५.) लेख क्र. १३६ (दो मूर्तियों) १९३ पाश्वनाथ ( सफेद पा. १ फु० २ इं०) लेख क्र० ३०. १६४ यक्षिणी (धातु ३०) लेख क्र० १३७ १७५ पंचमेह (धातु २ फुट ९६०) लेख क्र. २३२ १९६ पार्श्वनाथ ( धातु १३ कु०) लेख क्र० २३० ( दो भूतियाँ) १६७ आदिनाथ (धातु १० इं० ) लेख क्र० २८२ १९८ बाहुबली ( धातु इं०) लेख क्र. २३६ ( दो मूर्तियाँ) १९९ आदिनाथ (धातु७३०) लेख क्र० २५६ २०० पार्श्वनाथ (धातु ४ इं० ) लेख क्र० ३४ २०१ पार्श्वनाथ (धातु १३ इ० ) लेख क्र० ७० २०२ पार्श्वनाथ (धातु ३३ ई.) लेख ऋ० १३ २०३ पार्श्वनाथ ( धातु ३ इ० ) लेख क्र० १६. २०४ चौबीसी (धातु ई० ) लेख ऋ० १३६ २०५ चन्द्रप्रम (धातु ५ ६० ) लेख क्र. २८ २०६ पाश्वनाथ (धातु ५ इं० ) लेखक. १७८ २०७ पार्श्वनाथ (धातु.ई.) लेख ऋ० ३०१ २०८ पार्श्वनाथ ( सफेद पा० १० ई.) लेख क्र. ९९ २०६ पंचमेरु (धातु २ फु० ३ ई०) लेख क्र. १५४ (दो मूर्तियाँ) २१० चौबीसी ( धातु १०ई०) लेख क्र. १४३ २११ पार्श्वनाथ (धातु ५ इ० ) लेख क्र. ७८ २१२ पार्श्वनाथ (धातु ४६ ई.) लेख क्र० १५८ २१३ चन्द्रप्रम ( धातु ४६०) लेख क्र०६१ २१४ पार्श्वनाथ ( सफेद पा० १ फु० ३ ई० ) लेख क्र० २१५ २१५ नन्दीश्वर (धातु फु० ) लेख क्र० ६२ २१६ चौबीसी (धातु ३५०) लेख क्र. १३७ २१७ नेमिनाथ (काला पा० १ फु० ३६०) लेख क्र. २३३

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