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जैनशिलालेख-संग्रह
५६४ मुल्कि ( दक्षिण कनडा, मैसूर )
[जैन बसदिके आगे मानस्तम्भकी दक्षिण बाजूपर । इसमें तीर्थकरोंकी प्रशंसामें पांच श्लोक लिखे गये है।]
( इ० म० दक्षिण कनडा ९३ )
मद्रास ( म्यूजियम)
कन्नड [यह लेख शान्तिनाथको मूर्तिके पादपीठपर है। महाप्रधान ब्रहदेवणद्वारा स्थापित किये हुए येरग जिनालयमें यह मूर्ति थी। मूलसंघ, कुण्डकुन्दान्वय, काणूरगण, तिन्त्रिणि गच्छके महामण्डलाचार्य सकलभद्र भट्टारक ब्रहदेवणके गुरु थे।]
(इ० म० मद्रास ३२४ )
मद्रास ( म्युजियम )
कन्नड व संस्कृत [ इस लेखमे साहित्यप्रिय साल्व-राजा द्वारा शास्त्रोक्त रीतिसे शान्तिनाथकी मूतिके निर्माणका तथा स्थापनाका निर्देश है। ]
( इ० म० मद्रास ३२५ )