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बनशिलालेख-संप्रड
६५१ हुलर ( बिजापूर)
काड [ इस लेखमे कण्डूर गणकी एक बसदिके लिए पुलुवरणिके महाजनों द्वारा भूमिदानका उल्लेख है। ]
[रि० सा० ए० १९२९-३० पृ० ६७ क्र० ई २९]
तम्मदहहि ( बिजापूर, मैसूर)
[ इस निसिधि लेखमें इंगलेश्वरतीर्थको बसदिके आचार्य देवचन्द्र भट्टारकके शिष्य बोगगावुण्डके समाधिमरणका उल्लेख है ।
[रि० सा० ए० १९२९-३० ऋ० ई ७० पृ० ६९]
६५३ तुम्बिगि (बिजापूर, मैसूर )
[ यह लेख पुष्य शु० १०, सोमवार, ईश्वरसंवत्सर, राज्यवर्ष ८ का है। राजाका नाम लुप्त हुआ है । इस समय बोचुवनायककी निसिषिकी स्थापना की गयी थी तथा तदर्थ पाश्वदेवको कुछ भूमि अर्पित की गयी थी।
[रि० सा० ए० १९२९-३० ऋ० ई० ७४ पृ. ६९]
६५४ इविन हिप्पर्गि (बिजापूर, मैसूर ) ।
कमट [ इस लेखमें हबु रेमरस तथा रेचरस-द्वारा ऋषियोंके आहारदानके लिए देवचन्द्र भट्टारकको कुछ भूमि दान देनेका उल्लेख है। इंगलेश्वरके देवकीति भट्टारकका भी उल्लेख है। ]
[रि० सा० ए० १९२९-३० ऋ० ई ९१ पृ० ७१ ]