________________ वाला मुखकोश बांधा जाता है। 11.पूजा के वस्त्रों में सामायिक करने प्र.425. पूजा के वस्त्रों से सम्बन्धित पर पुनः उनका पूजा में उपयोग नहीं जानकारी दीजिये। हो सकता। सामायिक की जा उ. 1. धोती पहनते समय गांठ नहीं सकती है। लगानी चाहिये। उसकी विधि प्र.426. मन्दिर प्रवेश से पूर्व पाँव प्रक्षालन जानकार से सीख लेनी चाहिये। की विधि बताईये / 2. धोती के खुल जाने का भय हो तो उ. 1. मंदिर प्रवेश से पूर्व पाँव धोने के कटिबंध (कंदोरा) बांधना चाहिये। स्थान का अच्छी तरह देखना 3. दुपट्टा धारण करते समय दाहिना चाहिये कि वह स्थान चींटी आदि स्कंध खुला रखना चाहिये। जीवों से युक्त तो नहीं है। इससे 4. स्त्री-वर्ग को मर्यादा के अनुरुप जयणा का पालन होगा / पाँव धोने वस्त्र धारण करने चाहिये। का पानी गटर, नाली में नहीं 5. पुरूषों को सिलाई रहित अखण्ड जाना चाहिये। वस्त्र धारण करने चाहिये। 2. पैर धोते समय एक पाँव के पंजे से 6. पूजा के वस्त्रों से पसीना, मेल दूसरे पाँव को घिसने से अपयश ... आदि साफ नहीं करने चाहिये। . होता है अतः ऐसी प्रवृत्ति से बचना 7. पूजा के वस्त्रों में कुछ भी चाहिये। खाना-पीना नहीं चाहिये। प्र.427. गर्भगृह (गंभारे) में प्रवेश करने 8. सर्दी के दिनों में स्वेटर आदि की विधि समझाओ। पहनने की बजाय पूजा के लिये उ. 1. अंगपूजा में उपयोगी पदार्थ ही अलग शॉल रखनी चाहिये। ___ साथ ले जाने चाहिये। 9. पूजन वस्त्र धारण करने से पूर्व 2. पर्स, थैला, मोबाईल आदि गंभारे में उन्हें अभिमंत्रित करने के लिये नहीं ले जाने चाहिये। 'ओम् ही आँ क्रौ नमः' मंत्र 3. प्रवेश करते समय राग-द्वेष रूप बोलते हुए उनका स्पर्श करना सिंह के मस्तक पर दाहिना पाँव चाहिये। रखते हुए भीतर प्रवेश करना 10.पूजा के वस्त्र उत्तर दिशामुखी चाहिए। होकर धारण करने चाहिये। 4. मूल गंभारे में अंग पूजा के 00 * ***** 153 **** *** **