Book Title: Jain Jivan Shailee
Author(s): Manitprabhsagar, Nilanjanashreeji
Publisher: Jahaj Mandir Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 345
________________ मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. जन्म : मोकलसर, 26 अगस्त 1979 जन्म नाम . अशोक कुमार लूंकड़ पिता श्री बाबूलालजी लूंकड़ माता सौ. कमलादेवी लूंकड़ दीक्षा मोकलसरपौषशुक्ला तृतीया 16 जनवरी 2002 गुरुदेव पू. उपाध्याय प्रवर : श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. परिवार से दीक्षितः पू. उपा. श्री मणिप्रभसागरजी म.सा.-भाई म. पू. माताजी म. रतनमालाश्रीजी म.सा.-ताई म. पू. सा. डॉ. विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा.-बहिन म. पू.सा.डॉ.नीलांजनाश्रीजी म.सा.-जीजी म. ::::: : व्यवहारिक शिक्षण - जयनारायण व्यास युनिवर्सिटीजोधपुर से प्रथम श्रेणी में एम. कॉम एवं जैन विश्वभारती युनिवर्सिटी लाडनूं से प्रथम श्रेणी में एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण। संप्रति पंचलिंगी प्रकरण पर शोधरत। जैन ग्रन्थों, आगमों एवं वृत्तियों के अभ्यासी। तत्त्वज्ञान में जीव एवं कर्म पदार्थकातलस्पर्शी अध्ययन / विशेष - संयम के प्रति प्रतिक्षण जागरुक, प्रतिपल अध्ययन-चिन्तन-लेखनरत। तत्त्वज्ञान की विशेष अभिरुचि। लेखन-वक्तृत्वकलामें अनोखीछटा। लेखन - जैन जीवन शैली, प्यासा कंठ मीठा पानी, खुश्बू कहानियों की, गच्छ गौरव गाथा, दस महाश्रावक, जीव विचार साथ-प्रश्नोत्तरी, दण्डक प्रकरण सार्थ-प्रश्नोत्तरी, प्रत्याख्यान भाष्य अर्थप्रश्नोत्तरी, पशम कम गन्हा सार्थ-प्रश्नोत्तरी, प्रवाह (दो भाग) लाईफ मेनेजमेंट, श्रावकाचार, प्रिय-मधुर कहानियाँ आदि लेखन के साथ अनेक पुस्तकोंकासंपदन। 2bA

Loading...

Page Navigation
1 ... 343 344 345 346