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शेष चार अधातिया कर्म गुणों का बात नहीं करते । इसे इस चित्र से समझे।
कम के भेद
कम
घात्तिया
अघातिया
ज्ञानावरण दर्शनावरण वेदनीया मोइनीय आयु नाम गोत्र अंतराय
साता
असाता
ROHTAS
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दर्शन चारित्र
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नरक पशु मनुष्य देव शुभ अशुभ नीच उच्च
इन भेदों के उपरांत सूक्ष्मसूचक शास्त्रकारोंने ज्ञानाबरण के पांच, दशनावरण के नौ, वेदनीय के दो, मोहनीय के अट्ठाईस आयु के चार, नाम के तिरानवे गोत्रा के दो एवं अंतराय के पांच भेद माने हैं ।
घाती कर्म के भी (१) सर्वघाती (२) देशवाती भेद किए है । जो कम-जीव के गुणों का पूर्णरुपेण घात करता है वह मघाती है और जो देश या अंशरुप से घात करता है वह देशधात कहलाता है । इन चार घाती कर्मो के ४७ भेद किए हैं जिनमें २६ देशघाती और २१ सर्वघाती माने गये हैं।
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