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अदम-अन्दा अदम-पु० [अ०] अभाव, अनस्तित्व; अनुपस्थिति पर- अदिति-स्त्री० दक्षकी पुत्री जी देवताओंकी माता मानी लोक । -पैरवी-स्त्री० मुकदमेमें किसी फरीककी ओरसे जाती है। पृथ्वी प्रकृति; वाणी। जरूरी काररवाईका न होना।
अदिन-पु० कुदिन, कुसमय, अभाग्य । अदम्य-वि० [सं०] जो दबाया न जा सके; उत्कट, प्रबल । अदिव्य-वि० [सं०] लौकिका स्थूल । पु० लौकिक नायक। अदय-वि० [सं०] निष्ठुर, निर्दय ।।
अदिष्टा-पु० दे० 'अदृष्ट'; दुर्भाग्य । अदरक-पु. एक पौधा जिसकी गाँठे दवा, चटनी, अचार अदिष्टी-वि० अदूरदर्शी; दुष्ट; अभागा । आदिके रूप में खायी जाती हैं ।
अदीक्षित-वि० [सं०] जिसने दीक्षा नहीं ली है। अदरकी-स्त्री० सोंठौरा।
अदीठ-वि० अदृष्ट, न देखा हुआ; छिपा हुआ। अदरा-स्त्री० दे० 'आर्द्रा' ।
अदीन-वि० [सं०] दीनता-रहित; अकातर न दबनेवाला; अदराना-अ० क्रि० आदर-मनुहारसे गर्ववृद्धि होना, तेजस्वी उदार । मिजाज बिगड़ना; इतराना । स० क्रि० आदर-मनुहारसे | अदीयमान-वि० [सं०] जो दिया न जा सके, अदेय । मिजाज बिगाड़ना।
अदीह*-वि० अदीर्घ, छोटा । अदर्शन-पु० [सं०] दर्शनका अभाव; दिखाई न देना; अदुंद*-वि० निद्वंद्व, बेफिक्र; शांत; बेजोड़ । लोप, नाश उपेक्षा।
अदुतिय*-वि० अद्वितीय, बेजोड़। अदर्शनीय-वि० [सं०] जो देखने योग्य न हो, भद्दा ।
अदूजा-वि० अद्वितीय । अदल-वि० [सं०] बिना पत्तेका; बिना सेनाका । पु० अदर-अ० [सं०] निकट, पास। वि० पासका। पु० [अ०] दे० 'अद्ल'।
सामीप्य । -दर्शी (शिन)-वि० दूरतक न सोचनेअदल-बदल-पु० हेर-फेर, परिवर्तन ।
वाला; अविचारी। अदली*-वि० न्यायी, न्यायशील ।
अदूषण-वि० [सं०] दूषणरहित, निर्दोष । अदलीय-वि० (इंडिपेंडेंट) जो किसी विशेष दलसे संबद्ध अदषित-वि० [सं०] अविकृत, शुद्ध, निदोष ।
न हो; उन लोगोंसे संबंध रखनेवाला जो किसी दल-! अदृश्य-वि० [सं०] जो दिखाई न दे, जो देखा न जा विशेष में शामिल न हों।
सके, अगोचर; लुप्त, गायब । अदवाइन-स्त्री० दे० 'अदवान'।
अदृष्ट-वि० [सं०] न देखा हुआ; अदृश्य; अज्ञात, अननुअदवान-स्त्री० चारपाईके पैतानेकी रस्सी, ओनचन ।
भूत; अस्वीकृत, अवैध । पु० भाग्य, प्रारब्ध कर्मजन्य अदहन-पु० दाल-चावल आदि पकानेके लिए आगपर संस्कार, पूर्वजन्मोंमें संचित पुण्य-पाप जो इस जन्मके चढ़ाया गया पानी; खौलता हुआ पानी।
सुख-दुःखके कारण माने जाते है। -पूर्व-वि० जो पहले अदांत-वि० [सं०] जो दबाया न गया हो, काबृमें न न देखा गया हो; अदभुत, विलक्षण । -वाद-पु० किया हुआ; जिसने अपनी इंद्रियोंका निग्रह न किया हो। प्रारब्धवाद, नियतिवाद । अदाँत-वि० बिना दाँतका (पशु)।।
अदृष्टाक्षर-पु०[सं०] ऐसी स्याहीसे लिखे अक्षर जोमाधारण अदा-स्त्री० [अ०] देना, चुकाना, पूरा करना; बयान अवस्था में अदृश्य रहें, विशेष उपायसे ही पढ़े जा सकें। करना। [फा०] हाव-भाव, मोहक चेष्टा; टुंग; तर्ज। अष्टार्थ-वि० [सं०] आध्यात्मिक या गूढ अर्थ रखनेवाला; -कार-पु० अभिनेता । -यगी-स्त्री० भुगतान, चुकता जिसका विषय इंद्रियगोचर न हो।
अदेख*-वि० अदृश्य न देखा हुआ, जो न देखा जाय । अदाई*-वि० चालबाज; चतुर ।
अदेखी-वि० जो दूसरेका सुख-उत्कर्ष न देख सके, डाही। अदाग, अदागी*-वि० बेदाग, साफ, स्वच्छ, निष्कलंक । अदेय-वि० [सं०] न देने योग्य; जिसका दान उचित या अदाता (त)-वि० [सं०] जो न दे, अनुदार, कृपण;
वैध न हो; जिसे देनेको कोई विवश न किया जा सके। विवाहके लिए (कन्या) न देनेवाला; जिसे चुकाना न हो। अदेस*-पु० आदेश प्रणाम; दे० 'अंदेशा'। अदान-वि० [सं०] न देनेवाला, कंजूस । * वि० नादान,
अदेह-वि० [सं०] देहरहित । पु० कामदेव । नासमझ।
अदैन्य-वि० [सं०] दीनता या हीनतासे रहित । पु० अदानी*-वि० कृपण, कंजूस ।
दीनताका अभाव। अदाय-वि० [सं०] हिस्सा पानेका अनधिकारी।
अदोख, अदोखिल*-वि० दे० 'अदोष' । अदायाँ*-वि० वाम, प्रतिकूल; बुरा ।
अदोष-वि० [सं०] दोषरहित, बेबा निरपराध । अदालत-स्त्री० [अ०] न्यायालय ।
अदोस*-वि० दे० 'अदोष' । अदालती-वि० अदालत-संबंधी; मुकदमेबाज ।
अदौरी -स्त्री० उर्द की सुखाई हुई बरी । अदाव-पु० कुदा, कठिनाई।
अद्ध*-वि० दे० 'अर्द्ध'। अदावत-स्त्री० [अ०] वैर, शत्रुता ।
अद्धरज-पु० दे० अध्वर्यु'। अदावती-वि० अदावत रखनेवाला; द्वेषसे किया गया। अद्धा-पु० किसी चीजकी आधी तील या नाप; बोतलका अदाह*-स्त्री० हाव-भाव, अदा ।
आधा, बोतली एक बोतली या एक पाइंट शराब; आधे अदाहक-वि० [सं०] न जलानेवाला।
घंटेपर बजनेवाला धंटा; रसीद आदिका आधा भाग जो अदित*-पु० आदित्य; रविवार ।
देनेवालेके पास रह जाता है, मुसन्ना ।
करना।
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