________________
२६.
९७
२७.
909
२८.
90५
२९.
मात्र
900
5U.
११३
३१.
998
३२.
११९
३३.
१२२
३४.
१२६
३५.
१२९
३६.
१३२
3७.
१३७
36.
१३९
३९. ४०.
दया का झरना दया के दो स्रोत विश्व एकता का भाव माध्यस्थ माध्यस्थ भाव का माधुर्य : गुणानुराग सद्गुणों की उपासना सत्कथा अखंड जीवन सुपक्ष जीवन में सुपक्षता दीर्घदर्शिता वस्तु के हार्द के दर्शन विशेषज्ञ वृद्धानुगामी अनुभव की कसौटी विनय कृतज्ञता उपकार चतुष्टक कृतज्ञता का संदेश परहित निरतः समष्टि की भक्ति में मुक्ति लुब्धलक्ष ध्येय दृष्टि ध्येय यात्रा लक्ष्य बिंदु
१४३ १४७
४१.
१७२
१५६
१६१
४२. ४३. ४४. ४५. ४६.
१६५
qbe
१७२
४७.
१७४
४८.
१७५
१७७
४९. ५०. ५१.
१७९
१८१
15
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org