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अनेकान्त
हस
सिह सर्प
२१ भृकुटि २३ पाव
१६ शुक वराह १६ पक्षिराज पद्म २२ गोमेघ २४ मातग
१७ , हंस १७ कृष्ण शूकर शिखि टि० १ 'अपराजिता-पृच्छा' के अनुमार, चद्रप्रभ, १८ खर शख १८ सिंह पद्म पुष्पदन्त (१) श्वेत-वर्ण पद्मप्रभ, धर्मनाथ रक्त वर्ण; १६ सिह गज १६ अप्टापद सुपार्श्व, पार्श्वनाथ हरिद्वर्ण और शेष सब काञ्चनवर्ण २० १ वृष २० सर्प
भद्रासन चित्र्य है।
२१ १ वृष २१ मर्कट टि०२ तीर्थङ्करों के अन्य लाञ्छनो के विवरण परि- २२ १ पुरुष २२ सिंह शिष्ट स मे उद्धत अपराजित पृच्छा के अवतरणों मे २३ १ कूर्म २३ कुक्कुट द्रष्टव्य है।
२४ हम्ति गज २४ भद्रासन सिह प्रतिमा स्थापत्य मे २४ तीर्थङ्करो के अतिरिक्त २४ दश-दिग्पाल-दिग्पालो की संख्या आठ ही है परन्तु यक्षों एवं यक्षिणियोके रूप, १६ श्रुतदेवियो (विद्या-देवियो) जैनो ने दश दिग्पाल माने है१० दिग्पालों, ६ ग्रहो तथा क्षेत्रपाल, सरस्वति, गणेश, १. इन्द्र-तातकाञ्चनवर्ण, पीताम्बर, एरावण-वाहन, श्री (लक्ष्मी) तथा शान्ती देवी के भी रूप प्राप्त है । अत. वज्रहस्त. पर्वटिगधीठा । सक्षेप में इनके लक्षणो की अवतारणा की जाती है। २ अग्नि--कापलवर्ण, वागवाहन, नीलाम्बर, धनुर्वाणहस्त,
यक्ष-यक्षणियां- तीर्थडुर-तालिका में इनकी संज्ञा एवं प्राग्नेय, दिग्धीश । संख्या सूचित है । अत. यहा पर इस तालिका में सख्यान- ३. यम-कृष्णवर्ण, चर्मावर्ण, महिषवाहन, दहस्त, रूप इनके विशेष लाछन दिए गए है। अाधार-वस्तुमार दक्षिण दिगधीश । तथा अपराजित पृच्छा; विशेष विवरण परिशिष्ट मे ४ निऋति--धूम्रवर्ण, व्याघ्रचर्मावत, मुद्गरहस्त, प्रेतउद्धत अपराजित के अवतरणों में द्रष्टव्य है।
वाहन, नैऋत्यदिगधीश । २४ यक्षों के वाहन-लाञ्छन २४ यक्षणियो के वाहन लाञ्छन ५. वरुण--मेघवर्ण, पीताम्बर, पाशहस्त, मल्य वाहन, अपगजित वास्तुसार अपराजिता वस्तुमार पश्चिम दिगधीश । १ वृष गज १ गरुण गरुण ६ वायु---धसरवर्ण, रक्ताम्बर, हरिणवाहन, ध्वजप्रहरण, २ गज
२ रथ लाहामन गोवाहन वायव्य दिगधीश । ३ मयूर मयूर
७. कुबेर-शक्र कोशाध्यक्ष, कनकवर्ण, श्वेताम्बर, नर४ हस गज ४ हस
वाहन, रत्नहस्त, उत्तरादगधीश।। ५ गरुण गरुण ५ श्वेतहस्ति
८. ईशान-वेतवर्ण, गाजाजिनावृत, वृषभ वाहन, पिनाक ६ मृग मृग ६ अश्व नर
शूलधर, ईशानादगधीश। ७ मेष गज ७ महिष गज । नागदेव-कृष्णवर्ण, पद्मवाहन, उरगहस्त, पाताला८ कपोत ८ वृष
धीश्वर । ६ कूर्म ६ कूर्म वृप
१० ब्रह्मदेव-कञ्चनवर्ण, चतुर्मख, श्वेताम्बर, हसवाहन, १० हस कमलासन १० शूकर पद्म
कमलासन, पुस्तक कमलहस्त, उर्वलाकाधीश । ११ वृप वृषभ ११ कृष्ण हरिण सिंह नवग्रह---- १२ शिखि हस १२ नक्र अश्व १ सूर्य-- रक्तवस्त्र, कमलहस्त, सप्ताश्वरथवाहन ।
शिखि १३ विमान पद्म २ चन्द्र-श्वेत-वस्त्र, श्वेतदशवाजिवाहन, सुधाकुम्भहस्त । १४ १ मकर १४ हस
३ मगल-विद्रुमवर्ण, रक्ताम्बर, भूमिस्थिति, कुदालहस्त । १५ १ कूर्म १५ व्याघ्र मत्स्य ४. दुद्ध-हन्तिवस्त्र, कलहंसवाहन, पुस्तकहस्त ।
गज
भव
कूर्म
व