Book Title: Anekant 1967 Book 20 Ank 01 to 06
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 313
________________ २८८ अनेकान्त १३० १७ १३ ग्वालियर के तोमर राजवश के समय जैनधर्म- ३३ यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन-डा. परमानन्द शास्त्री गोकुलचन्द जैन प्राचार्य एम. ए. पी-एच. डी. २७६ १४ चार कीति गीत-डा. विद्याधर जोहरापुरकर २८ ३४ राजा श्रोणिक या विम्बसार का प्रायुष्यकाल १५ जैन प्रागों के कुछ विचारणीय शब्द -५० मिलापचन्द्र कटारिया " .. . ९४ मुनि श्री नथमल . ४० ३५ रूपक पद (कविता)--कवि घासीराम २७ १३ जैन ग्रन्थ संग्रहालयो का महत्त्व-डा. ३६ वादामी चालुक्य अभिलेखों में वर्णित जैन कस्तुरचन्द कासलीवाल ६६६ मम्प्रदाय तथा प्राचार्य-प्रो० दुर्गाप्रसाद दीक्षित १७ जैनतर्क में हेत्वनुमान-डा० प्रद्युम्नकुमार एम.ए. -१८ ज्ञानार्णव योगशास्त्र एक तुलनात्मक अध्ययन ३७ वादामी चालुक्य नरेश और जनधर्म-बालचन्द सिद्धान्त शास्त्री प्रो० दुर्गाप्रसाद दीक्षित एम. ए. १६ तृष्णा की विचित्रता-श्री मद्राजचन्द्र १५० ३८ वैधता और उपादेयता-डा० प्रद्युम्नकुमार जैन २५५ २० देवगढ़ का शान्तिनाथ जिनालय- . २६ शिरपुर जैन मन्दिर दिगम्बर जैनियों का ही है २२७ प्रो० भागचन्द जैन.एम. ए. ४० श्रमण सस्कृति का प्राचीनत्व- ' २१ धनपाल, विरचित भविसयत्तकहा और उसको ' २७१ मुनि श्री विद्यानन्द रचना तिथि-~-डा. देवेन्द्रकुमार जैन ३३ ४१ श्री अंतरिक्ष पार्श्वनाथ पवली दिगम्बर जैन २२ पं० भगवतीदासकृत वैयविनोद मन्दिर शिरपुर-नेमचन्द धन्नूसा जैन .. १६६ ___डा० विद्याधर जोहरापुरकर ६० ४२ श्री अंतरिक्षपार्श्वनाथ पौली मन्दिर शिरपुर२३ परप्रभ जिनस्तुति-समन्तभद्राचार्य १६३ नेमचन्द धन्नसा जैन ११ २४ भगवान महावीर और बुद्ध परिनिर्वाण-- ४३ श्री प्रतरिक्ष पार्श्वनाथ वस्ती मन्दिर तथा मूल- . मुनि श्री नगराज १८७, २१६ नायक मूर्ति शिरपुर-१० नेमचन्द्र धन्नूसा जैन १६६ २५ भ० विनयचन्द्र के समय पर विचार ४४ श्री अमृतचन्द्र मूरिकृत एक अपूर्व प्रन्थ-डा. परमानन्द शास्त्री ए. एन. उपाध्ये (टा० पेज २) २६ भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा १९६६ का पुरस्कार ४५ श्री गुरुवर्य गोपालदास जी वरया-पं. घोषित-लक्ष्मीचन्द्र जैन ६१ माणिकचन्द जी न्यायाचार्य २७ भारतीय वास्तुशास्त्र में जैन प्रतिमा सम्बन्धी ४६ श्रीधर स्वामी की निर्वाणभूमि कुण्डलपुर--- । ज्ञातव्य-पगरचन्द नाहटा २०७ प० जगन्मोहनलाल शास्त्री २८ मन्दसौर में जैनधर्म-१० गोपीलाल ४७ श्री शान्तिनाथ स्तवनम्बादीर्भासह १ ____ 'अमर' एम. ए. १८६, ४८ श्रेयो जिन स्तुति-ममन्तभद्राचार्य २६ महाकवि समयसुन्दर और उनका दानशील तग ! - ४६ ममर्पण और निष्ठुरता-मुनि श्री कन्हैयालाल २४६ भावना संवाद-सत्यनारायण स्वामी एम. ए १४० ५० मागार धर्मामत पर इतर श्रावकाचारो का ३० महान् सन्त भ० विजपकीति-डा. कस्तूरचन्द ८ प्रभाव-प० बालचन्द सिद्धान्त शास्त्री १५१ कासलीवाल १६७१ पाव जिन-स्तुति-समन्तभद्राचाय ३१ महावीर और बुद्ध के पारिपाश्विर भिक्ष ५२ स्वर्गीय नरेन्द्रसिंह सिधी का संक्षिप्त परिचय २३७ भिक्षुणियाँ-मुनि श्री नगराज ७५ ५३ माहित्य-समीक्षा-परमानन्द शास्त्री ६३,१४३,२३६ ३२ यशपाल जतका अध्यक्षीय भाषण २२२ ५४ साहित्य-ममीक्षा-डा. प्रेमसागर २३६ १६४ मवादीमित २४१

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