Book Title: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth
Author(s): Saubhagyamuni
Publisher: Ambalalji Maharaj Abhinandan Granth Prakashan Samiti

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Page 24
________________ २५७ २५६ -AP २७० २७७ २८७ ०००००००००००० ०००००००००००० २८६ २६८ ३२१ CCC ३३६ ३४८ ३६० ३८१ ( १६ ) जिनशासन का हार्द -श्री सूरजचन्द शाह 'सत्यप्रेमी' 'डांगीजी' भारतीय चिन्तन में-मोक्ष और मोक्ष मार्ग -श्री देवेन्द्र मुनि शास्त्री भगवान महावीर का तत्त्ववाद -मुनि श्री नथमल जी आधुनिक विज्ञान और जैन मान्यताएँ -डा० नन्दलाल जैन स्याद्वाद का सही अर्थ -प्रो० दलमुख मालवणिया अनेकान्त दर्शन-अहिंसा की परमोपलब्धि -डा० अमरनाथ पाण्डेय आगमकालीन नय-निरूपण -श्रीचन्द गोलेचा : कन्हैयालाल लोढा एम० ए० जैनागमों में मुक्ति-मार्ग और स्वरूप - मुनि श्री कन्हैयालाल जी 'कमल' ब्राह्मण व श्रमण परम्परा के सन्दर्भ में स्थितप्रज्ञ और वीतराग -श्री भंवरलाल सेठिया एम० ए० जैनदर्शन में अजीव द्रव्य -आचार्य श्री आनन्द ऋषिजी चतुर्थ खण्ड जैन साधना, साहित्य और संस्कृति जैन साधना-पद्धति -डा० मुक्ताप्रसाद पटैरिया जैन योग; उद्गम, विकास, विश्लेषण, तुलना -डा० छगनलाल शास्त्री श्रमणाचार : एक अनुशीलन -आर्या चन्द्रावती जैन-साधना में तप के विविध रूप ---गोटूलाल मांडोत 'निर्मल' जनश्रमण : वेशभूषा-एक तात्त्विक विवेचन -ओंकारलाल सेठिया विश्व धर्मों के परिप्रेक्ष्य में जैन उपासक का-- साधना पथः एक तुलनात्मक विवेचन -वसन्तकुमार जैन शास्त्री संलेखना : एक श्रेष्ठ मृत्युकला -मालवकेशरी मुनि श्री सौभाग्यमल जी जैन परम्परा में उपाध्याय पद -मुनि श्री रूपचन्द्र जी 'रजत' जैन आगम और प्राकृत : भाषा विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में एक परिशीलन -श्रीमती शान्तिदेवी जैन जैन न्याय के समर्थ पुरस्कर्ता : सिद्धसेन दिवाकर -देवेन्द्रमुनि शास्त्री जैन योग के महान व्याख्याता : हरिभद्र सूरि -प्रो० सोहनलाल पटनी एम० ए० जैन आगमों के भाष्य और भाष्यकार -अध्यात्म योगी श्री पुष्कर मुनिजी आचार्य हेमचन्द्र : जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व -अभयकुमार जैन एम० ए०, बी० एड० राजस्थान के प्राकृत श्वेताम्बर साहित्यकार -देवेन्द्र मुनि शास्त्री राजस्थानी जैन साहित्यकार -रमेश कुमार जैन जैन आयुर्वेद साहित्य : एक समीक्षा -कविराज राजेन्द्र प्रसाद भटनागर जैन संस्कृति के प्रमुख पर्वो का विवेचन -श्री गोटूलाल मांडावत पंचम खण्ड इतिहास और परम्परा जंन परम्परा : एक ऐतिहासिक यात्रा ___ मगवान अरिष्टनेमि योगलिक युग ४८५ भगवान नेमिनाथ के धर्मशासन के कुछ दिव्यरत्न तीर्थकर युग ४८५ गजसुकुमार, ढंढणमुनि, थावच्चापुत्र भगवान ऋषभदेव, ४८६ भगवान पार्श्वनाथ भगवान शान्तिनाथ ४८६ भगवान महावीर ३८६ ४१६ ४४३ ४५२ ४५६ ४६० ४६२ ४६३ ४६४ Jale

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