Book Title: Ambad Charitram
Author(s): Muniratnasuri, Vijayjinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 62
________________ // अथ पञ्चमादेशः॥ अम्बडचरित्रम् पश्चम आदेश: // 5 // प्रस्तावे पुनरागत्य योगिनी याचतेऽम्बडः / हे मातः ! पञ्चमादेशं देहि मे सोत्कचेतसः // 1 // सत्त्वसागरनामाऽस्तु तवाम्बडमहाभटः / स्वहस्तं मस्तके दत्वा जगौ गोरखयोगिनी // 2 // शृणु सौराष्ट्रदेशेऽस्मिन् देवकाभिधपत्तने / देवचन्द्रो नृपरतत्र कुरुते राज्यमुत्तरम् // 3 // बुद्धिसागरनाम्नाऽस्ति प्रधानस्तस्य तत्त्वतः। तदावासे महादीपो रविचन्द्राभिधोऽस्ति यः // 4 // तमानय तमादेश-मिव सम्बलमाप्य सः / नवा प्रमाणमित्युक्त्वा ययौ सौराष्ट्रमण्डलम् // 5 // पथि तस्यामिलविप्रः सन्मुखः सुखकाक्षिणः / अम्बडः प्राह कुत्रत्यः क्व यासि वद वाडव ! // 6 // अथोवोचत्तु भूदेवः समेतो देवपत्तनात् / उदीच्यां भूधरः शैल-स्तत्र सिंहपुरं पुरम् // 7 // राजा सागरदत्ताख्यः पुत्रः समरसिंहकः / रोहिणी पुत्रिका तस्य सुमुखीकुक्षिसम्भवा // 8 // तस्य राज्ञो भवेद्विद्या परकायप्रवेशिनी / वृद्धभावेन भूपालो राज्यं पुत्राय दत्तवान् // 1 // D // 58 //

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