Book Title: Amar Diary
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 12
________________ मैं अपनी बात कह दूँ। मनुष्य को प्राप्त ये निकट की या दूर की उपलब्धियाँ आपने आप में न अच्छी हैं, न बुसी हैं। इनका अच्छापन या बुरापन मानव की चितम पद्धति पर निर्भर हैं, और निर्भर है उनके सदुपयोग और दुरुपयोग पर । किसी भी वाहन या हथियार की अच्छाई, उसके चालक की अच्छाई पर ही तो निर्भर है। युग-युग तक इतिहास साक्षी रहेगा कि भारत-पाक संघर्ष में अमरीका के सर्वश्रेष्ठ पैंटन टैंक और सैबरजेट विमानों की प्रतिष्ठा धूल में मिल गई, अनाड़ी पाक चालकों के हाथों से। और साधारण कहे जाने वाले सेन्च्युयरी टैंक और नेट विमानों को प्रतिष्ठा के चार चाँद लग गए, भारतीय चालकों के कुशल कर-कमलों से। विनोद और व्यंग्य विनोद और व्यंग्य, मानव-हृदय को निर्मल आनन्द की धारा में नहलाने का, उसे सँवारसजाने का एक अच्छा हलका-फुलका साधन है। विनोद से सूना-सूना उदासीभरा वातावरण स्फूर्ति और ताजगी से उत्फुल्ल हो उठता है। जीवन की यातनाओं एवं कठिनताओं में तो विनोद पर्याप्त सहारा बन जाता है। दुःख की विस्मृति के लिए विनोद अमोघ औषध है। परन्तु विनोद केवल हलके दर्जे का हँसना और कहकहा लगाना नहीं है। विनोद अपने में निश्छल एवं निर्मल होना चाहिए, और पूर्वाग्रह एवं विद्वेष से मुक्त होना चाहिए। विनोद की चुटकियाँ वस्तुत: वे ही अच्छी होती हैं, जो दोनों ओर के हृदय को गुदगुदाएँ, आसपास को भी खिलखिलाएँ । विनोद में भावना के साथ विवेक का अनुगुंजन होना आवश्यक है। सुरुचिता ही विनोद की आत्मा है। - पीछे नहीं, आगे देखिए अतीत का महत्त्व है, इससे इन्कार नहीं। उसे यों ही भुलाकर नहीं रहा जा सकता। परन्तु कदम-कदम पर अतीत की दुहाई देना, उसी से चिपटे रहना, हर . अमर डायरी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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