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आगमसूत्र हिन्दी अनुवाद .
निशीथसूत्र हिन्दी अनुवाद-अनुक्रम (पीछे से चालु) उद्देशक अधिकार
अनुक्रम पृष्टांक | गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
३९३-४६९ ८३-८४ गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
४७०-५६० ८४-८६ गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
५६१-५७९ ८६-८७ गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोप
५८०-६०७ ८९-९० गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
६०८-६५४ ९०-९२ गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
६५५-७४६ ९२-९४ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
७४७-७८८ ९४-९६ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
७८९-८६२ ९६-९७ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
८६३-९०४ ९७-९८ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
९०५-१०५८ | ९८-१०० लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
१०५९-११०८१००-१०२ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
११०९-१२५९ /१०२-१०३ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
१२६०-१३३२|१०३-१०५ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष
१३३३-१३६९ १०५-१०८ २० प्रायश्चित्त देने की और वहन करने की विधि | १३७०-१४२० |१०८-११०
(३५४ बृहत्कल्पसूत्र-हिन्दीअनुवाद-अनुक्रम) उद्देशक | अधिकार
अनुक्रम
पृष्ठांक साधु-साध्वी आचार विधि-निषेध
१-५० १०९-१११ ५१-८० ११२-११३ ८१-११० ११३-११५ १११-१४२ ११५-११८ १४३-१९५ ११८-१२०
१९६-२१५ १२०-१२१ (३६ व्यवहारसूत्र-हिन्दीअनुवाद-अनुक्रम) उद्देशक अधिकार
अनुक्रम पृष्ठांक परिहार स्थान, प्रायश्चित्त विधि-आदि
१-३५ १२२-१२४ दो या अधिक साधर्मिक-सहविचरण विधि ३६-६५ १२४-१२६ दीक्षापर्याय तथा शास्त्र अनुज्ञा...आदि
६६-९४ १२६-१२८ ऋतुकाल सम्बन्धी विधि-निषेध
९५-१२६ १२८-१३१ ऋतुकाल सम्बन्धी विधि-निषेध
१२७-१४७ १३१-१३२ १५
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