Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02
Author(s): Shyamacharya, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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मूलसहो
बीयं परिसिटुं-सहाणुकमो सक्कयत्थो सुत्तंकाइ। मूलसद्दो
सक्कयत्थो
सुत्तंकाह १४२२ तः १४२४,
[२-३, ५], २०६५, १४२६ [१], १४२७
२०७३, २०८०,२१६९, [१], १४२८ [१२],
२१७० [२], २१७३ १४३१[१], १४३२[१
[१-२], २१७४ [१-३], ३], १४३३, १४३६ [२], १४३८[१-२,६],१४४४, ० णोअभव- नोअभव१४४६तः१४५०,१४५२,
सिद्धियाण सिद्धिकानाम् २६९ १४५४ तः १४५७, णोअसंजए नोअसंयतः १३६१ १४५९,१४६०, १४६२, णोइंदिय- नोइन्द्रियार्थाव१४६५,१४६८, १४६९, अत्थोग्गहे __ ग्रहः १०१९ १५१५ [१-३], १५१८ णोकसायवेयणिजे नोकषायवेदनीयम् [१.३, ५, ७], १५१९
१६८२, १६९१ [३.५] [१-४], १५३३[२-१०], णोपज्जत्तए- नोपर्याप्तकनोअपर्याप्तकः १६०९,१६११,१६१२, णोअपजत्तए
१३८५ १६२८ तः १६३०,
णोपरित्ते- नोपरीतनोअपरीत्तः १६३३, १६३४, १६३५ णोअपरित्ते
१३८२ [४], १६३८ [१], णोभवसिद्धिए- नोभवसिद्धिकनोअभव१६३९, १६४१, १६५० णोअभवसिद्धिए सिद्धिकः १८७४ [१] तः १६५३, १६५८, णोभवसिद्धिय- नोभवसिद्धिकनोअभव१६६०, १६७५, १७४९, णोअभवसिद्धिए सिद्धिकः १३९४ १७९४ [१], १८०० [१, णोभवसिन्द्रिय- नोभवसिद्धिकनोअभव३], १८०४ तः १८०६ ___णोअभवसिद्धिया सिद्धिकाः २६९ [१], १८११, १८१७, णोभवसिद्धिया- नोभवसिद्धिका नोअभव१८५९, १८६७, १८७०, णोअभवसिद्धिया सिद्धिकाः १८७५[१] १८७४ [१], १८७५ [१], गोभवोववातगती नोभवोपपातगतिः १०९२, १८८६, १८८९ [१],
११०० १८९२, १८९३, १८९८ ० णोभवोव
११०० तः [२-३], १८९९ [२]. वातगती
११०४ १९०३ [३-४, ६], णोभवोववायगती
११०४ १९०४ [२], १९०५[१], णोमालिय नवमालिका-वनस्पतिः १९५७ [१], १९५८,
४३ गा. २४ १९६३, १९६६,१९६८, णोसण्णि- नोसंज्ञिनोअसंज्ञिनः १९७२, १९७३, १९७५, णोअसण्णी
१९७३ १९७७, १९७८,२०१९, णोसण्णी
नोसंज्ञिनोअसंज्ञी १३९१, २०२२,२०२४, २०२७, णोअसण्णी
१८८१[१], १८८२[१], २०३५, २०३९, २०५०,
१८९६, १८९८[४] २०५१, २०५६, २०५७ ।
नोसंज्ञिनोअसंज्ञिनः २६८,
आ ९ [२]-१३
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