Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02
Author(s): Shyamacharya, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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मूलसदो
बीयं परिसिह-सदाणुकमो
३०७ सक्कयत्यो सुत्तंकाइ । मूलसद्दो सक्कयत्थो सुत्तंकाइ ६५० [११], ६६२ मणूसपंचेंदियओ. मनुष्यपञ्चेन्द्रियौदारिक
[१-२], पृ. १७७ टि. २ रालियसरीरे शरीरम् १४८७ [१], • मणुस्सेहिंतो मनुष्येभ्यः ६३९ [२३.
१५०१ [१] २५], ६६२ [२.७], • मणूसपंचेंदियो- मनुष्यपञ्चेन्द्रियौदारिक
६६५ [२] रालियसरीरे शरीरम् १४८७[१-२] मणुस्सो मनुष्यः १७४५, १७४९, मणूसपंचेंदियवे. मनुष्यपञ्चेन्द्रियवैक्रिय
पृ. २१२ टि. ३-४ __ उब्वियसरीरस्स शरीरस्य १५३१ मणुस्सोरालिय. मनुष्यौदारिकशरीरस्य मणूसपंचेंदियवे- मनुष्यपञ्चेन्द्रियवैक्रियसरीरस्स
१५१३ [१] उब्वियसरीरे शरीरम् १५१९ [१], मणूस मनुष्य ६३५, १०३४,
१५२५ ११५५, १४५६,१७७९, ० मणूसपंचेंदिय- , १९०० [४] वेउब्वियसरीरे
१५१९ [१-४] मणूस० ,, १०४१ [६], मणूसस्स मनुष्यस्य ४८९ [१], १०४७ [२], १०४९,
४९० [१], ४९१ [१], १०५५ [२], १४३३,
४९३ [१], ४९५ [१], १८८० [५], २१६४
४९७, १०३४, १०४३ मणूसाहारगसरीरे मनुष्याहारकशरीरम्१५३३
[१.२, ५.६], १०६१,
१५५०, १६३५ [५], • मणूसाहार- मनुष्याहारकशरीरम्१५.३.
१६३९, १६४५ १६५५., गसरीरे
१६५६, १६६१, २०९" मणूसाहारयसरीरे ,, १५३३ [२
[२], २०९६ [२], मणूसखेत्ते मनुष्यक्षेत्रम् १५५६
२११९[४], २१२० [३] मणूसं
मनुष्यम् पृ. ३०२ टि. ३ मणूसखेत्तोववा- मनुष्यक्षेत्रोपपातगतिः मणूसा मनुष्याः ६८२, ६९८,
- १०९: मणूसखेत्तोववा- मनुष्यक्षेत्रोपपातगतिः
१०८३, १०८९,११४२, यगती
१०९.
११५२, १२०५, १४१६ • मणूसखेत्तोववा- मनुष्यक्षेत्रोपपातगतिः
[२], १७६१, १७६५ यगती १०९.
[२],१७७४ [२], १७९४ मणूसत्ते मनुष्यत्वे १०४१ [६].
[३], १८२६, १८६१, १०४३ [२], १०४६
१८८६, १८९९ [२], [३],१०४७ [२],१०५०
१९३४, १९६१,१९७०, [१], १०५५ [३].
१९७८,१९९५,२०७५, २१०७, २११३,२११०
२०८२, २१३१ [४], २१२० [२-३]. ०मणूसा
मनुष्याः ६२४, ११५२ २१२३ [२-३], २१२४ मणूसाउमस्स मनुष्यायुषः १७०१ [३]
[२-३] मणूसाण मनुष्याणाम् ९८८,१५३९
[३]
तगती
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