Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02
Author(s): Shyamacharya, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

Previous | Next

Page 769
________________ २५२ मूलसद्दो पदेसट्याए सक्कत्थो सुकाइ प्रदेशार्थतया २७१, २७२ [५], ३३० तः ३३३, ४४१, ४४३, ४४५ तः ४४८,४५५[२-३],४५६ [१], ४५७[१], ४६२ [१], ४६४ [१], ४६६ [१], ४६७ [१], ४६८ [१], ४७० [१], ४७४ [१], ४७५ [१], ४८१ [१], ४८२ [१], ४८५ [१], ४८९ [१], ४९० [१], ४९१ [१], ४९३ [१],४९७,५०५, ५०८, ५१४, ५३१ [१, ३], ५३२ [१], ५३३ [१], ५३५ [१], ५३७ [१], ५३८ [१], ५४३ [१], ५४५ [१], ५४७ [१], ७७९,७८०, ८०२,९७९, १२४७, १२४९, १५६५ प्रदेशार्थतया ३३०, ३३२, ३३३ ४८७ ८७ [१], ५०४, ५३६ [१] पदेसणामणिहत्ताउए प्रदेशनामनिधत्तायुष्कः ० पदेसट्टयाए पदेयाते पदेसणामनिहत्ताउए पदेस भति पदेसमम्भति पदेसमम्भहिते पदेसहीणे पदेसं पदेसं - पदेसा Jain Education International "" पण्णवणासुत्तपरिसिट्ठाई मूलसद्दो ० पदेसा ૬૮૪ ६८५, ६९० प्रदेशाभ्यधिकः ५३३ [१] ५५४[१] ५०५ प्रदेशहीनः ५०५, ५३३ [१], ५३९ [१], ५५४ [9] १६१९ १६३६ प्रदेशाः ५, ५०१, ९८७ [9] प्रदेशम् प्रदेशम् ० ० पदेसाणं पदेसाभावा पदेसावगाह ० पदेसिए ० ० पदेसाण ० ० SC पदेसियस्स पदेसिते 35 ० • पदेसियाई ० • पदेसियाणं ० 33 पदेसु पदेसेण पदेसेहिं ० ० पदेसिया • पदेसेहिं पदेसोगाढ पदेसोगाढस्स पदेसोगाढाई पदेसोगाढे पनरसमं For Private & Personal Use Only सक्कयत्थो प्रदेशाः प्रदेशानाम् सुत्तकाइ २७५, ७७७, ७९७, ८०२ ८०२ तः ८०४ २७५ प्रदेशाभावात् २७२ [६] प्रदेशावगाह १२१८ गा. २१० " प्रदेशकः ५०५, ५३५ [१], ५५२ [१], ५५४ [3] प्रदेशकम् ७९३ तः ७९५, ७९७, ७९९, ८०१ ५५४ [१] ७९९ प्रदेशकः प्रदेशकम् प्रदेशकस्य ५०५, ५३१ [३], ५३६ [१], ५४५ [१], ५५४ [३], ८०२, ८०४ प्रदेशकाः प्रदेशका १७९७ प्रादेशकानि प्रदेशकानाम् ३३०, ५०५, ५०८, ५३५ [१], ५३७ [१], ५५४ [१, ३] ५०३ १२४३ पदेषु १९०७ प्रदेशेन पृ. ३५९ टि. २ प्रदेशैः १००२, १००५ २११गा. १६८ "" प्रदेशावगाढ पृ. २९१ टि. २ प्रदेशावगाढस्य ८०२ १९९७ प्रदेशावगाढानि प्रदेशावगाढम् ७९४, ७९५, ७९७ तः ७९९, ८०१ पञ्चदशम् पृ. २६० पं. २६ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912 913 914 915 916 917 918 919 920 921 922 923 924 925 926 927 928 929 930 931 932 933 934