Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Ek Parishilan
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay
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१०६ भगवती सूत्र : एक परिशीलन
जीव का मुख्य गुण चेतना है। चेतना सभी जीवों में उपलब्ध है। जिसमें चेतना है वह जीव है। फिर भले ही वह सिद्ध हो या सांसारिक। चेतना सिद्ध में भी है और संसारी जीव में भी है। चेतना की दृष्टि से सिद्ध और संसारी जीव में भेद नहीं है। आगमिक दृष्टि से जीव के बोधरूप व्यापार को चेतना कहा है। वह बोधरूप व्यापार सामान्य और विशेष रूप से दो प्रकार का है। जब चेतना वस्तु के विशेष धर्मों को गौण कर सामान्य धर्म को ग्रहण करती है तब दर्शनचेतना कहलाती है और जो चेतना सामान्य धर्मों को गौण करके वस्तु के विशेष धमों को मुख्य रूप से ग्रहण करती है, वह ज्ञानचेतना कहलाती है। ज्ञानचेतना ही विशेष बोधरूप व्यापार कहलाती है। एक ही चेतना कभी सामान्य रूप में तो कभी विशेषात्मक होती है।
दार्शनिकों ने चेतना के ज्ञानचेतना, कर्मचेतना और कर्मफलचेतना-ये तीन प्रकार भी माने हैं। किसी भी वस्तु-तत्त्व को जानने के लिए चेतना का जो ज्ञानरूप परिणाम है, वह ज्ञानचेतना है। कषाय के उदय से क्रोध, मान, माया, लोभ रूप जो परिणाम है, वह कर्मचेतना है। शुभ और अशुभ कर्म के उदय से जो सुख और दुःखरूप परिणाम होता है, वह कर्मफलचेतना है। दार्शनिकों ने इन तीनों प्रकार की चेतनाओं को अन्य रूप से कहा है।
जीव-वर्गीकरण आगमकारों ने संसारी जीवों की दृष्टि से त्रस और स्थावर-ये दो भेद किये हैं। जिस जीव को त्रस नामकर्म का उदय है वह त्रस जीव है और जिस जीव को स्थावर नामकर्म का उदय है वह स्थावर जीव है। गतित्रस
और लब्धित्रस ये त्रस के दो प्रकार हैं। जिनमें स्वतन्त्र रूप से गमन करने की शक्तिविशेष हो, वह गतित्रस हैं और जो सुख-दुःख की इच्छा से गमन करते हैं, वह लब्धित्रस हैं। तेजस्काय और वायुकाय को गतित्रस तथा बेइन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चौइन्द्रिय और पंचेन्द्रिय को लब्धित्रस माना गया है। इस प्रकार जैन दार्शनिकों ने त्रस और स्थावर शब्दों का अर्थ दो प्रकार से किया है। एक क्रिया की दृष्टि से तो दूसरा कर्म के उदय की दृष्टि से।
कर्म के उदय की दृष्टि से तेजस्काय और वायुकाय भी स्थावर ही हैं। इस दृष्टि से स्थावर के ५ भेद प्रतिपादित हैं। त्रस के द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय और पंचेन्द्रिय-ये चार प्रकार हैं। संसार के जितने भी जीव हैं वे त्रस और स्थावर में समाविष्ट हो जाते हैं।
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