Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Ek Parishilan
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 271
________________ आचार्यश्री देवेन्द्र मुनिजी का महत्वपूर्ण साहित्य भगवान त्राषमदेव : एक परिशीलन प्रेरणा की लहरें भगवान अरिष्टनेमि और कर्मयोगी, संस्कृति के अंचल में श्री कृष्ण : एक अनुशीलन अनुभूति के आलोक में भगवान पार्श्व : एक समीक्षात्मक अध्ययन चिन्तन की चाँदनी भगवान महावीर : एक अनुशीलन विचार वैभव जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा विचार रश्मियां जैन आचार सिद्धान्त और स्वरूप कीचड़ और कमल जैन दर्शन : स्वरूप और विश्लेषण धरती का देवता जैन नीतिशास्त्र: एक परिशीलन शूली और सिंहासन कर्म विज्ञान : भाग १,२,३ (प्रेस में) पुण्य पुरुष कल्पसूत्र:एक विवेचन (चतुर्थ संस्करण) खिलती कलियाँ: मुस्कराते फूल भगवती सूत्र : एक परिशीलन प्रतिध्वनि (द्वि. सं.) मूल सूत्र: एक पर्यवेक्षण गहरे पानी पैठ धर्म दर्शन : मनन और मूल्यांकन खिलते फूल अपराजिता प्रेरणा प्रसून सद्धा परम दुल्लहा शाश्वत स्वर अप्पा सो परमप्पा फूल और पराग धर्मचक्र बुद्धि के चमत्कार सत्यं शिवम् आस्था के आयाम जलते दीप सत्य और तथ्य चिन्तन के विविध आयाम जिन खोजा तिन पाइयां पानी में मीन पियासी स्वर्ण किरण जैन कथा साहित्य की विकास यात्रा बोलती तस्वीरें कदम-कदम पर पदम खिले कुछ मोती, कुछ हीरे मुक्तिपथ धरती के फूल सत्यमेव जयते चमकते सितारे धीरज के मीठे फल गागर में सागर अतीत के उज्ज्वल चरित्र सीप और मोती बोलते चित्र दीप जले : तिमिर टले महकते फूल हंसा तो मोती चुगे जैन जगत के ज्योतिर्धर आचार्य तमसो मा ज्योतिर्गमय नौका और नाविक ज्योति से ज्योति जले भगवान महावीर युग की प्रतिनिधि कथाएं लहर लहर सागर लहराय बूंद में समाया सागर पढ़े सो पंडित होय सम्पर्क सूत्र : श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय ma शास्त्री सर्कल, मुर.३१३००१ Jan

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