Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Ek Parishilan
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay
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१८४ भगवती सूत्र : एक परिशीलन
महुक के अकाट्य तर्क के आगे सब अन्यतीर्थिक अवाक् रह गये। उन्हें महुक की बात माननी पड़ी।
- भग. शतक १८, उ. ७, सूत्र १५
परमाणु के चार प्रकार गौतम भन्ते ! परमाणु कितने प्रकार के हैं ?
महावीर - आर्य ! परमाणु चार प्रकार के कहे हैं- द्रव्य परमाणु, क्षेत्र परमाणु, काल परमाणु, और भाव परमाणु ।
वर्णादि पर्याय से अविवक्षित सूक्ष्मतम द्रव्य परमाणु कहा जाता है। यही पुद्गल परमाणु है, जिसे अन्य दार्शनिकों ने भी परमाणु कहा है। आकाश द्रव्य का सूक्ष्मतम प्रदेश क्षेत्र परमाणु है। सूक्ष्मतम समय काल परमाणु है। जब द्रव्य परमाणु में रूपादि पर्याय प्रधानतया विवक्षित हो, वह भाव परमाणु है।
द्रव्य परमाणु अच्छेद्य, अभेद्य, अदाह्य और अग्राह्य है। क्षेत्र परमाणु अनर्ध, अमध्य, अप्रदेश और अविभाग है । काल परमाणु अवर्ण, अगंध, अरस और अस्पर्श है। भाव परमाणु वर्ण, गंध, रस और स्पर्शयुक्त है।
- भग. शतक २०, उ.५, सूत्र १२
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