Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Ek Parishilan
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay
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तत्त्व मीमांसा
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लोकवाद • आत्मवाद • पञ्चास्तिकाय • देव • परिव्राजक
• आर्द्रक और पाश्र्वापत्य
लोक सम्बन्धी चर्चाएं • दर्शन का आदि बिन्दु : जिज्ञासा • लोक क्या है? • लोक अलोक का पौर्वापर्य • लोक स्थिति • लोक संस्थान • लोक कितने प्रकार का है ? • कर्म कौन बांधता है? • लोक का विस्तार • लोक में जीव सर्वत्र जन्मा है
• बाधा नहीं पहुँचाते दर्शन का आदि बिन्दु : जिज्ञासा
आगम साहित्य का पर्यवेक्षण करने पर सहज ही ज्ञात होता है कि गणधर गौतम ने अमुक वस्तु देखी, अमुक बात सुनी तो उनके अन्तर्मानस में संशय पैदा हुआ, जिज्ञासा उत्पन्न हुई “जाय संसए, जाय कोउहले"। और वे उस जिज्ञासा का समाधान करने शीघ्र ही भगवान के चरणों में
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