Book Title: Yog Drushti Samucchay Part 03 Author(s): Pravin K Mota Publisher: Gitarth Ganga View full book textPage 7
________________ तेजङ :- प. पू. गशिवर्य श्री युगभूषाविभ्य (नाना पंडित) महारान साहेज ૧. જૈનશાસન સ્વતંત્ર ધર્મ કે સંપ્રદાય ? हिन्दी व्याख्यानकार :- प. पू. गणिवर्य श्री युगभूषणविजयजी (नाना पंडित) महाराज साहब १. जैनशासन स्थापना ३. श्रावक के बारह व्रत एवं विकल्प ४. प्रश्नोत्तरी २. चित्तवृत्ति लेखक :- प. पू. गणिवर्य श्री युगभूषणविजयजी (नाना पंडित) महाराज साहब १. जिनशासन स्वतंत्र धर्म या संप्रदाय ? संपादक :- प. पू. गणिवर्य श्री अरिहंतसागरजी महाराज साहब १. पाक्षिक अतिचार ENGLISH Lecturer: H. H. GANIVARYA SHRIYUGBHUSHANVIJAYJI MAHARAJ SAHEB 1. Status of religion in modern Nation State theory Author: H. H. GANIVARYA SHRIYUGBHUSHANVIJAYJI MAHARAJ SAHEB 1. Is Jaina Order Independent Religion or Denomination?Page Navigation
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