Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth

Previous | Next

Page 39
________________ 1. 5. 2. 11.] निरयविभत्तियज्झयणे ____ 1. 5. 2. अहावरं सासयदुक्खधम्मं तं भे पवक्खामि जहातहेणं । बाला जहा दुक्कडकम्मकारी वेयन्ति कम्माइँ पुरेकडाइं ॥ १॥ हत्थेहि पाएहि य बन्धिऊणं उयरं विकत्तन्ति खुरासिएहिं । गिण्हित्तु बालस्स विहत्तु देहं वद्धं थिरं पिहउ उद्धरान्त ॥ २॥ वाहू पकत्तन्ति य मूलओ से थूलं वियासं मुहे आडहन्ति । रहंसि जुत्तं सरयन्ति बालं आरुस्स विज्झन्ति तुदेण पिढे ॥ ३॥ अयं व तत्तं जलियं सजोइ तऊवमं भूमिमणुकमन्ता। ते डज्झमाणा कलुणं थणन्ति उसुचोइया तत्तजुगेसु जुत्ता ॥४॥ वाला बला भूमिमणुक्कमन्ता पविजलं लोहपहं च तत्तं । जंसी भिदुग्गंसि पवजमाणा पेसे व दण्डेहि पुरा करेन्ति ॥ ५ ॥ ते संपगाढंसि पवजमाणा सिलाहि हम्मन्ति निपातिणीहिं । संतावणी नाम चिरदिईया संतप्पई जत्थ असाहुकम्मा ॥ ६॥ कन्दसु पक्खिप्प पयन्ति बालं तओ वि दड्डा पुण उप्पयन्ति । ते उड्ढकाएहि पखजमाणा अवरेहि खजन्ति सणफएहिं ॥ ७॥ समूसियं नाम विधूमठाणं जं सोयतत्ता कलुणं थणन्ति । अहोसिरं कटु विगत्तिकणं अयं व सत्येहि समोसवेन्ति ॥ ८ ॥ समूसिया तत्थ विसूणियंगा पक्खीहि खजन्ति अयोमुहेहिं । संजीवणी नाम चिरदिईया जंसी पया हम्मइ पावचेया ॥ ९ ॥ तिक्वाहि सलाहि निवाययन्ति वसोगयं सावययं व लद्धं । ते मूलविद्धा कलुणं थणन्ति एगन्तदुक्खं दुहओ गिलाणा ॥१०॥ सया जलं नाम निहं महन्तं जंसी जलन्तो अगणी अकहो । चिट्ठन्ति बद्धा बहुकूरकम्मा अरहस्सरा केइ चिरहिया ॥११॥ सूयगड-३

Loading...

Page Navigation
1 ... 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158