Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth

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Page 74
________________ सूयगडम्मि [2. 1. 6. 10जाव गइपरिक्कमन्नू अहमेयं पउमवरपोण्डरीयं उन्निक्खिस्सामि त्ति कट्टु इति वुच्चा से भिक्खू नो आभिकमे तं पुक्खरिणिं तीसे पुक्खरिणीए तीरे ठिच्चा सदं कुजा-उप्पयाहि खलु भो पउमवरपोण्डरीया उप्पयाहि । अह उप्पइए से पउमवरपोण्डरीए ॥६॥ किट्टिए नाए समणाउसो, अहे पुण से जाणियब्वे भवइ । भन्ते त्ति समणं भगवं महावीरं निग्गन्था य निग्गन्थीओ य वन्दन्ति नमंसन्ति वन्दित्ता नमंसित्ता एवं क्यासी-किट्टिए नाए समणाउंसो, अहं पुण से न जाणामो समणाउसो ति । समणे भगवं महावीरे ते य बहवे निग्गन्थे य निग्गन्थीओ य आमन्तेत्ता एवं वयासी-हन्त समणाउसो आइक्खामि विभावेभि कित्तेमि पवेएमि सअहं सहेडं सनिमित्तं भुजो भुजो उवदंसेमि । से बेमि ॥ ७ ॥ लोयं च खलु भए अप्पाहट्ट समणाउसो पुक्खरिणी बुझ्या । कम्म च खलु मए अप्पाहटु समगाउसो से उदए वुइए । कामभोगे य खलु मए अप्पाहमु समणाउसो से सेए बुइए । जणजाणवयं च खलु मए अप्पाह१ समणाउसो ते बहने पउमवरपोण्डरीए वुइए । रायाणं च खलु मए अप्पाहट्ट समणाउसो से एगे महं पउमवरपोण्डरीए बुइए । अन्नतित्थिया य खलु मए अप्पाहट्ट समणाउसो ते चत्तारि पुरिसजाया बुइया । धम्मं च खलु मए अप्पाहट्ट समणाउसो से भिक्खू बुइए । धम्मतित्थं च खलु भए अप्पाहट्ट समणाउसो से तीरे वुइए । धम्मकहं च खलु भए अव्याहमु समणाउसो से सदे बुइए । निव्वाणं च खलु भए अप्पाह१ समणाउसो से उप्पाए वुइए । एवमेयं च मए अप्पाहटु समणाउसो से एवमेयं बुझ्यं ॥ ८ ॥ इह खलु पाईणं वा पडीगं वा उदीगं या दाहिण वा सन्तेगड्या मणुस्सा भवन्ति अशुपुत्रेणं लोग उववन्ना । तं जहा-आरिया बेगे

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