Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth
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सूयगडम्मि [2. 3. 12. 1___ अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सता पुढविजोगिया पुढविसंभवा जाव कम्मनियाणेण तत्थवुकमा नाणाविहजोगियासु पुढवीसु आयत्ताए वायताए कायत्ताए कूहणत्ताए कन्दुकत्ताए उव्वेहणियत्ताए निव्वेहणियत्ताए सछत्ताए छत्तगत्ताए वासणियत्ताए कूरत्ताए विउद्दन्ति । ते जीवा तेसिं नाणाविहजोणियाणं पुढवीणं सिणेहमाहारेन्ति । ते वि जीवा आहारेन्ति पुढविसरीरं जाव सन्तं । अवरे वि य णं तेसिं पुढविजोणियागं आयत्ताणं जाव कूराणं सरीरा नाणावण्णा जाव मक्खायं । एगो चेव आलावगो सेसा तिण्णि नत्थि । अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता उदगजोणिया उदगसंभवा जाव कम्मनियाणेणं तत्थवुकम्मा नाणाविहजोगिएसु उदएसु रुक्खत्ताए विउट्टन्ति । ते जीवा तेसिं नाणाविहजोणियाणं उदगाणं सिणेहमाहारेन्ति । ते जीवा आहारेन्ति पुढविसरीरं जाव सन्तं । अवरे वि य णं तेसिं उदगजोणियाणं रुक्खाणे सरीरा नाणावग्णा जाव मक्खायं । जहा पुढविजोणियाणं रुक्खाणं चतारि गमा अज्झारुहाण वि तहेव, तणाणं ओसहीणं हरियाणं चत्तारि आलावगा भाणियबा एकेके । अहावरं पुरक्खायं इहेगइया सत्ता उदगजोणिया उदगसम्भवा जाव कम्पनियाणेणं तत्थवुकमा नाणाविहजोणिएसु उदएमु उदगत्ताए अवगत्ताए पणगत्ताए सेवालत्ताए कलम्बुगत्ताए हडताए कसेरुगताए कच्छमाणियत्ताए उप्पलताए पउमत्ताए कुमुयत्ताए नलिणत्ताए सुभगत्ताए सोगन्धियताए पोण्डरीयमहापोण्डरीयत्ताए सयपत्तत्ताए सहस्सपत्तत्ताए एवं कल्हारकोकणयत्ताए अरविन्दत्ताए तामरसत्ताए भिसभिसमुणालपुक्खलत्ताए पुक्खलच्छिभगत्ताए विउदृन्ति । ते जीवा तेसिं नाणाविहजोणियाणं उदगाणं सिणेहमाहारोन्त । ते जीवा आहारेन्ति पुढवीसरीरं जाव सन्तं । अवरे वि य णं तेसिं उदगजोणियाणं उदगाणं जाव पुक्खलच्छिभगाणं सरीरा नाणावण्णा जाव मक्वायं । एगो चेव आलावगो ॥१२॥
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