Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth
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सूत्रकृताङ्गनियुक्तिः
सामा रइयाणं पवत्तयन्ती अपुण्णागं ।। ७० ।। अन्तगयफिफिसागि य हिययं कालेज फुप्फुसे वक्के | सबला रइयाणं केन्ति तर्हि अण्णाणं ॥ ७१ ॥ असिसत्तिकोन्ततोभरमूलतिले सूइचियमासु । पोयन्ति रुदकम्मा उ णरगपाला तहिं रोहा || ७२ ॥ भञ्जन्ति अङ्गमङ्गाणि ऊरुबाहूसिराणि करचरणे । कप्पेति कप्पणीहिं उवरुदा पावकम्मरया || ७३ ॥ मीरा सुण्ठ य कन्नू पयण्ड य पयन्ति । कुम्भीय लोहिए य पयन्ति काला उ णेरइए || ७४॥ कम्पन्ति कागिगीमंसगाणि छिन्दन्ति सीहपुच्छाणि । खावन्ति रइए महकाला पावकम्मरए || ७५ ॥
हत्थे पाए ऊरू बाहुसिरापायअङ्गभङ्गाणि । छिन्दन्ति पगामं तू असि पेरइए निरयपाला || ७६ ॥ कण्णोडगाराकर चरणदरुणडण फुग्गऊरुवाहणं । छेयणमेयणताडन असिपत्तवणूहि पाडन्ति ॥ ७७ ॥ कुम्भीय पयणे य लोहिय य कन्दुलहिकुम्भी । कुम्भीय णरपाला हन्ति पाडन्ति गरएम ॥ ७८ ॥ तडतडतडस्स भजन्ति भञ्जणे कलम्बुवालुगापट्टे | वाल्गा णेइया लोलन्ती अम्बरतलम्भि ।। ७९ । पूयरुहिरकेसडिवाहिणी कलकलेन्तजलसोया । वेयरणिणिरपाला रहए ऊ पाहन्ति ॥ ८० ॥ कमेति करकरहिं तच्छिन्ति परोपरं परमुएहिं । सिम्बलितरुमारुहन्ती खरस्तरा तत्थ पेरइए ।। ८१ ॥ भीए य पलायन्ते समन्ततो तत्थ ते गिरुम्भन्ति । पसुणी जहा पसुवहे महघोसा तत्थ रइए ।। ८२ ।
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