Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth
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सूत्रकृताङ्गनियुक्तिः
१५१ Story of Adda. अञ्जद्दएण गोसालभिक्खुबम्भवईतिदण्डीणं । जह हत्थितावसाणं कहियं इणमो तहा वोच्छं ॥ १९० ॥ गामे वसन्तपुरए सामइओ घरणिसहिओं निक्खन्तो । भिक्खायरियादिहा ओहासियभत्तवेहासं ॥ १९१ ॥ संवेगसमावन्नो माई भत्तं चइत्तु दियलोए । चद्दऊणं अद्दपुरे अद्दसुओ अद्दओ जाओ ॥ १९२ ॥ पीई य दोण्ह दूओ पुच्छणमभयस्स पहवे सो वि । तेणावि सम्मदिहि ति होज पडिमा रहम्मि गया ॥ १९३ ॥ दटुं संबुद्धो रक्सिओ य आसाण वाहण पलाओ । पव्वावन्तो धरिओ रजं न करेई को अन्नो ॥ १९४ ॥ अगणिन्तो निक्खन्तो विहरइ पडिमाइ दारिगा वरिओ। सुवण्णवसुहाराओ रन्नो कहणं च देवीए ॥ १९५ ॥ तं नेइ पिया तीसे पुच्छण कहणं च वरण दोवारे । जाणाहि वायबिम्बं आगमणं कहण निग्गमणं ॥ १९६ ॥ पडिमागयस्समीचे सप्परिवारा अभिक्ख पडिवयणं । भोगा सुयाण पुच्छण सुयबन्ध पुण्णे य निग्गमणं ॥ १९७॥ रायगिहागम चोरा रायभया कहण तेसि दिक्खा य । गोसालभिक्खुवम्भी तिदण्डिया ताबसेहि सह वाओ ॥ १९८॥ वाए पराइइत्ता सव्वे वि य सरणमभुगया ते। अगसहिया सव्ये जिणवीरसगासे निक्खन्ता ॥ १९९ ॥ ण दुक्करं वा णरपासमोयणं गयस्त मत्तस्स वणम्मि रायं । जहा उवत्तावलिएण तन्तुणा सुदुक्करं मे पडिहाइ मोयणं ॥२०॥
Introduction to 2.7. णामअलं ठवणअलं दव्यअलं चेव होइ भावअलं । एसो अलगदम्मि उ निक्खेवा चउविहो होइ ॥ २०१॥
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