Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth

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Page 146
________________ सूत्रकृताङ्गनियुक्तिः तम्हा ण उ वीसम्भो गन्तव्यो णिचमेव इत्थीसु । पढमुद्देसे भणिया जे दोसा ते गणन्तेणं ॥ ५८ ॥ : सुसमत्था व समत्था कीरन्ती अप्पसत्तिया पुरिसा । दीसन्ति सूरवाई णारीवसगा ण ते सूरा ॥ ५९॥ धम्मम्मि जो दढा मइ सो सूरो सत्तिओ य वीरो य । ण हु धम्मणिरुस्साहो पुरिसो सूरो सुबलिओ वि ।। ६० ॥ एए चेव य दोसा पुरिससमाए वि इत्थियाणं पि । तम्हा उ अप्पमाओ विरागमग्गम्मि तासिं तु ॥ ६१ ॥ Introduction to 1. 5. 1. णिरए छक्कं दव्वं णिरया उ इहेव जे भवे असुभा । . खेत्तं गिरओगासो कालो णिरएसु चेव ठिई ॥ ६२ ॥ भावे उ णिरयजीवा कम्मुदओ चैव णिरयपाओगो । । सोऊग गिरयदुक्खं तवचरणे होइ जइयव्यं ॥ ६३ ॥ जामंठवणादविए खेत्ते काले तहेव भावे य । एसो उ विभत्तीए णिक्खेवो छबिहो होइ ॥ ६४ ॥ पुढवीफासं अण्णागुवक्कम णिरयवालवहणं च । .. तिमु वेदेन्ति अताणा अणुभागं चेव सेसासु ॥ ६५ ॥ अम्बे अम्बरिसी चेव सामे य सबले वि य । रोद्दोवरुद काले य महाकाले ति आवरे ॥६६॥ . असिपत्ते धणुं कुम्भे वालु वेयरणी वि य । खरस्सरे महाघोसे एवं पनरसाहिया ॥ ६७ ॥ धाडेन्ति य हाडेन्ति विन्धन्ति तह णिसुम्भन्ति । मुञ्चन्ति अम्बरतले अम्बा खलु तत्थ गेरइया ॥ ६८ ॥ ओहयहए य तहियं णिस्सने कप्पणीहि कप्पन्ति । ... विदुलगचडुलगछिन्ने अम्बारिसी तत्थ परइए ॥ ६९ ॥ साडणपाडणतोडण बन्धणरजुल्लयप्पहारहिं ।

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