Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth

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Page 123
________________ 2.5.33] आयारसुयज्ज्ञयणे नत्थि पेजे व दोसे वा नेवं सन्नं निवेसए । अस्थि पेजे व दोसे वा एवं सन्नं निवेस ।। २२ ॥ नत्थि चाउरन्ते संसारे नेवं सन्नं निवेस । अत्थि चाउरन्ते संसारे एवं सन्नं निवेस ॥ १३ ॥ देवो देवी वा नेवं सन्नं निवेस । अस्थि देवो व देवी वा एवं सन्नं निवेसर || २४ ॥ सिद्धी सिद्धी वा नेवं सन्नं निवेस | अथ सिद्धी सिद्धी वा एवं सन्नं निवेस ॥ २५ ॥ नत्थ सिद्धी नियं ठाणं नेवं सन्नं निवेस । अस्थि सिद्धी नियं ठाणं एवं सन्नं निवेस ॥ २६॥ नत्थ साहू साहू वा नेवं सन्नं निवेस | । अस्थि साहू असाहू वा एवं सन्नं निवेस ॥ २७ ॥ किल्ला पावे वा नेवं सन्नं निवेस अस्थि कल्ला पावे वा एवं सन्नं निवेस ॥ २८ ॥ कल्ला पाव वा विहारो न विजइ । जं वेरं तं न जागन्ति समणा बाल पण्डिया || २९ ॥ असेसं अक्खयं वावि सव्वदुक्खे इ वा पुणो । वज्झा पाणा न वज्झत्ति इइ वायं न नीसरे ॥ ३० ॥ दीसन्ति समियायारा भिक्खुणो साहुजीविणो । एए मिच्छो जीवन्ति इइ दिहिं न धार ॥ ३१ ॥ दक्खिणा पडिलम्भो अस्थि वा नत्थि वा पुणो । न वियागरेञ्ज मेहावी सन्तिमग्गं च वूहए ।। ३२ । इच्चेहि ठाणेहिं जिणदिहि संजए । धारयन्ते उ अप्पाणं आ मोक्खाए परिव्वज्जासि ॥ ३३ ॥ तिमि ॥ आयारसुयज्झयणं पञ्चमं 19 ११७

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