Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth
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2. 5. 8.] आयारसुयज्झयणे मिच्छादसणसल्लाओ। से भिक्खू नो दन्तपक्खालणेणं दन्ते पक्खालेजा, नो अञ्जणं नो वमणं नो धूवणित्तं पिआइए । से भिक्खू अकिरिए अल्सए अकोहे जाव अलोभे उवसन्ते परिनिव्वुडे । एस खलु भगवया अक्खाए संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे अकिरिए संवुडे एगन्तपण्डिए भवइ त्ति बेमि ॥५॥
पञ्चक्खाणकिरियज्झयणं चउत्थं
आयारसुयज्झयणे पञ्चमे
2. 5. आदाय बम्भचेरं च आसुपन्ने इमं वई । अस्सि धम्मे अगायारं नायरेज कयाइ वि ॥१॥ अणाईयं परिनाय अणवदग्गे ति वा पुणो । सासयमसासए वा इइ दिहिं न धारए ॥ २॥ एएहिं दोहि ठाणेहिं ववहारो न विजई । एएहिं दोहि ठाणेहिं अणायारं तु जाणए ॥३॥ समुच्छिहिन्ति सत्थारो सचे पाणा अणेलिसा । गण्ठिगा वा भविस्सान्त सासयं ति व नो वए॥४॥ एएहिं दोहि ठाणेहिं ववहारो न विजई । एएहिं दोहि ठाणेहिं अणायारं तु जाणए ॥ ५ ॥ जे केइ खुद्दगा पाणा अदुवा सन्ति महालया । सरिसं तेहि वेरं ति असरिसं ति य नो वए ॥६॥ एएहिं दोहि ठाणेहिं ववहारो न विजई । एएहिं दोहि ठाणेहिं अणायारं तु जाणए ॥ ७॥ अहाकम्माणि भुञ्जन्ति, अन्नमन्ने सकम्गुणा । उबालित्ते त्ति जागिजा अगुवलिते ति वा पुणो ॥ ८॥
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