Book Title: Suyagadam Part 01 Author(s): P L Vaidya Publisher: Motilal ShethPage 75
________________ 2. 1. 9. 28. ] पोण्डरियज्झयणे ६९ अणारिया वेगे उच्चागोता वेगे जीयागोया वेगे कायमन्ता वेगे रहस्समन्ता वेगे सुवण्णा वेगे दुव्वण्णा वेगे सुरूवा वेगे दुरूवा वेगे । तेसिं च णं मणुवाणं एगे राया भवड़ महया हिमवन्तमलय मन्दरमहिन्दसारे अच्चन्तविसुद्ध रायकुलर्वसप्प निरन्तररायलक्खणविराइयङ्गमङ्गे बहुजणच पाणपूए सव्वगुणसमिद्धे खत्तिए मुदिए मुद्धाभिसिने भाउपिडसुजाय दयप्पिर सोनेकरे सीमंधरे खेमंकरे खेमंधरे मणुस्सिन्दे जणवयपिया जणवयपुरोहिए सेउकरे केउकरे नरपवरे पुरिसपवरे पुरिससीहे पुरिसआसीवसे पुरिसवरपोण्डरीए पुरिसवरगन्धहत्थी अड्डे दिने वित्ते वित्थणविडल भवणस्यणासणजाणवाहणाणे बहुधणबहुजायरूवर आओगप ओग संपडते विच्छड्डियपउरभत्तपाणे बहुदासीदासगोमहिसगवेल गप्प भए पडिपुण्ण कोस कोडा गाराउहागारे बलवं दुब्बलपच्चामि ओहयकण्टयं निहयकण्टयं मलियकण्टयं उद्वियकण्ट्यं अकण्टयं ओहरातू हियसत्तू मलियसत्तू उद्वियसत्तू निजियसत्तू पराइयसत्तू ववगयदुभिक्खमारिभयविष्पमुक्कं ( रायवण्णओ जहा ओववाइए ) जाव पसन्तडिण्वडमरं रजं पसासेमाणे विहरइ । तस्स णं रनो परिसा भवइउग्गा उग्गपुत्ता भोगा भोगपुत्ता इक्खागाइ इक्खागाइपुत्ता नाया नायपुत्ता कोरव्या कोरव्यपुत्रा भट्टा भट्टपुचा माहणा माहणपुत्ता लेच्छइ लेच्छइपुत्ता पसारो पत्थपुता सेणावई सेणावइपुत्ता । तेसिं चणं एगइसी भइ कामं तं समणा वा माहणा वा संपहारिंस गमणाए । तत्थ अन्नयरणं धम्मेणं पन्नत्तारो वयं इमेणं धम्मेणं पनवइस्सामो से एवमायाह भयन्तारो जहा भए एस धम्मे सुयक्खाए सुपनत्ते भवइ । तं जहा - उड्डुं पायतला अहे केसरगमत्थया तिरियं तयपरियन्ते जीवे एस आयापञ्जवे कसिणे एस जीवे जीवइ, एस मए नो जीव, सरीरे घरHas as नो धरई । एयं तं जीवियं भवइ, आदहणाए परेहिं निजइ, अगणिझामिए सरीरे कवयवण्णाणि अट्ठीणि भवन्ति, आसन्दीपञ्चमा पुरिसा गामं पच्चागच्छन्ति, एवं असन्ते असंविज्ज यPage Navigation
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