Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth

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Page 98
________________ सूयगडम्नि [2. 2. 19. 1अहावरे तच्चस्स ठाणस्स मिस्सगस्स विभङ्गे एवमाहिजइ । जे इमे भवन्ति आरणिया आवसहिया गामणियन्तिया कण्हुईग्हस्सिया जाव ते तओ विप्पमुच्चमाणा भुजो एलमूयाए तमूयत्ताए पञ्चायन्ति । एस ठाणे अणारिए अकेवले जाव असव्वदुक्खपहीणमग्गे एगन्तभिच्छे असाहू । एस खलु तच्चस्स ठाणस्स मिस्सगस्स विभङ्गे एवमाहिए ॥ १९ ॥ अहावरे पढमस्स ठाणस्स अधम्मपक्खस्स विभङ्गे एवमाहिजइ । इह खलु पाइणं वा ४ सन्तेगइया मणुस्सा भवन्ति-गिहत्था महिच्छा महारम्भा महापरिग्गहा अधम्भिया अधम्माणुया अधम्भिहा अधम्मक्खाई अधम्मपायजीविणो अधम्मपलोई अधम्मपलजणा अधम्मसीलसमुदायारा अधम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरन्ति । हण छिन्द भिन्द विगतगा लोहियपाणी चण्डा रुद्दा खुद्दा साहस्सिया उक्कुश्चणवञ्चणमायानियडिकूडकवडसाइसंपओगबहुला दुस्सीला दुबया दुप्पडियाणन्दा असाहू सञ्चाओ पाणाइवायाओ अप्पडिविरया जावजीवाए जाव सञ्चाओ परिग्गहाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सब्बाओ कोहाओ जाव . मिच्छादसणसल्लाओ अप्पडिविरया, सव्वाओ व्हागुम्मदणवण्णगन्धविलेवणसदफारिसरसरूवगन्धमल्लालंकाराओ अप्पडिविरया जावजीवाए सव्वाओ सगडरहजाणजुग्गगिल्लिथिल्लिसियासंदमाणियासयणासणजाणचाहणभोगभोयणपवित्थरविहीओ अप्पडिविरया जावजीवाए सव्वाओ हिरण्णसुवण्णधणधनमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सबाओ कूडतलकूडमाणाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सवाओ आरम्भसमारम्भाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सव्वाओ करणकारावणाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सव्वाओ पयणपयावणाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सव्वाओ कुट्टणपिट्टणतजणताडणवहबन्धपरिकिलेसाओ अप्पडिविरया जावजीवाओ । जे यावण्णे तहप्पगारा सावजा अबोहिया कम्मन्ता परपाणपरियावणकरा जे अणारिएहिं कञ्जन्ति

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