Book Title: Suyagadam Part 01 Author(s): P L Vaidya Publisher: Motilal ShethPage 92
________________ ८६ सूयगडम [2.2. 13.6 अहं न परतावेयव्वो, अने परितावेयव्वा, अहं न उद्दवेयन्वो अन्ने उदवेयव्वा, एवमेव ते इत्थिकामेहिं मुच्छिया गिद्धा गढिया गरहिया अज्झोववन्ना जाव वासाईं चउपञ्चमाई छदसमाई अप्पयरो वा भुञ्जयरो वा भुञ्जि भोग भोगाई कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु आसुरिएस किब्बिसिएस ठाणे उत्तारो भवन्ति । तओ विप्पमुचमाणे भुज्जो भुजो एलमूयत्ताए तमूयत्ताए जाइमूयत्ताए पच्चायन्ति । एवं खलु तस्स तम्पत्तियं सावति हि । दुवालसमे किरियडाणे लोभवत्तिए ति आहिए । इच्चेयाइँ दुवालस किरियाणाई दविएणं समणेण वा माहणेण वा सम्मं सुपरिजाणियव्वाई भवन्ति ।। १३ । अहावरे तेरसमे किरिट्ठाणे इरियावहिए ति आहिजइ । इह खलु अत्तत्ताए संवुडस्स अणगारस्स ईरियासमियस्स भासासमियरस एसणासमियरस आयाणभण्डमत्त निक्खेवणासभियस्स उच्चारपासवणखेलसिंघाणजलपारि द्वावणियासमियस्स मणसमियस्स वयसमियस्स कायसमियस्स मणगुत्तस्स वयगुत्तस्स कायगुत्तस्स गुतिन्दियस्स गुत्तबम्भयारिस्स आउतं गच्छमाणस्स आउत्तं चिद्यमाणस्स आउत्तं निसीयमाणस्स आउतं तुयट्टमाणस्स आउत्तं भुञ्जमाणस्स आउत्तं भासमाणस्स आउत्तं वत्थं पडिग्गहं कम्बलं पायपुञ्छणं गिण्हमाणस्स वा निक्खिवमाणस्स वा जाव चक्खुपम्हनिवायमवि अस्थि विमाया मुहुमा किरिया ईरियावहिया नाम कजइ । सा पढमसमए बद्धा पुट्ठा विईयसमए वेड्या तइयसमए निजिण्णा सा बद्धा पुट्ठा उदीरिया वेड्या निजिण्णा सेकाले अकम्मे यावि भवइ । एवं खलु तस्स तप्पत्तिर्यं साव ति आहिजड़, तेरसमे किरियाणे ईरियावहिए ति आहिजइ । से बेमि जेय अईया जे य पडुपन्ना जे य आगमिस्सा अरिहन्ता भगवन्ता सच्चे ते एयाई चैव तेरस किरियाणाई भासिंसु वा भासेन्ति वा भासिस्सन्ति वा पन्नविंसु वा पन्नवेन्ति वा पन्नविस्सन्ति वा, एवं चैव तेरसमं किरियाणं सेविंसु वा सेवन्ति वा सेविस्सन्ति वा ॥ १४ ॥Page Navigation
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