Book Title: Sramana 2016 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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गुजराती अनुवाद :____ आ प्रमाणे कुलपति कहेता हता त्यारे तापसीस मने कानमां कडं. आ भगवान कुलपति बहु ज्ञानी छे. हिन्दी अनुवाद :
जब कुलपति ऐसा कह रहा था तभी उस तपस्विनी ने मेरे कान में कहा, यह भगवान कुलपति बहुत ज्ञानी हैं। गाहा :
तो पुच्छ इच्छियत्थं भणियाए ताहि विणय-पणयाए । पुट्ठो मए महा-यस! केण हिओ नंदणो मज्झ? ।।३०।। संस्कृत छाया :ततः पृच्छेप्सितार्थ भणितया तदा विनयप्रणतया ।
पृष्टो मया महायश ! केन हृतो नन्दनो मम ? ।।३०।। गुजराती अनुवाद :
तेथी मनोवांछित अर्थने पूछी ले, त्यारे में विनयपूर्वक कर्दा के हे महायश! मार पुत्रनु अपहरण कोणे कर्यु? हिन्दी अनुवाद :___इसलिए मनोवांछित अर्थ पूछ लो। तब मैंने विनयपूर्वक कहा हे महायश! मेरे पुत्र का अपहरण किसने किया? गाहा :किं जीवइ अहव मओ पिक्खिस्समहं कयाइवि नवत्ति? ।
अह भणियं कुलवइणा सम्मं दाऊण उवओगं ।।३१।। संस्कृत छाया :किं जीवति अथवा मृतः प्रेक्षिष्येऽहं कदाचिदपि न वेति ।
अथ भणितं कुलपतिना, सम्यग्दत्त्वोपयोगम् ।।३१।। गुजराती अनुवाद :
पुत्र अपहरणादि प्रश्नोत्तर ___ माटो पुत्र शुं जीवे छे के मटी गयो छे? क्यारे पण हुं तेने जोइश के नहि? त्यारे सारी ते उपयोग मूकीने कुलपतिस मने कह्यु.