Book Title: Sramana 2016 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 180
________________ गुजराती अनुवाद : हवे तेना विरह ने सहवा असमर्थ हुं तेनी पासे जवा नीकळी छु. माटे हे भगिनी! मने रजा आप, जेथी तेनी पासे जाउं. हिन्दी अनुवाद : अब मैं उसके विरह को सहन करने में असमर्थ हूँ। उसके पास जाने के लिए निकली हूँ। इसलिए हे बहन! मुझे जाने दे जिससे मैं उसके पास जा सकूँ। गाहा : भणियं च सिरिमईए एवं जो गरुय-गुण-गणावासो । सो तुह भायाऽवस्सं दह्रव्यो होइ अम्हंपि ।। २४०।। संस्कृत छाया : भणितं च श्रीमत्या एवं यो गुरुगुणगणावासः । स तव भ्राताऽवश्यं दृष्टव्यो भवत्यस्माकमपि ।। २४०।। गुजराती अनुवाद : त्यारे श्रीमती बोली- आ प्रमाणे होय तो श्रेष्ठ गुण समूहवाळो जे तारो भाई छे. ते अवश्य अमारे जोवो जोइस. हिन्दी अनुवाद : ऐसी बात है तो श्रेष्ठ गुणसमूहवाला जो तुम्हारा भाई है, उसे हमें अवश्य देखना चाहिए। गाहा: चित्त-गएणवि ताव य आणंदो सहि-जणस्स संजणिओ। इण्डिं पच्चक्खंपि हु दंसिज्जओ अमय-भूओ सो।।२४१।। संस्कृत छाया :चित्रगतेनाऽपि तावच्चाऽऽनन्दः सखिजनस्य सञ्जनितः । इदानी प्रत्यक्षमपि खलु दर्शनीयोऽमृतभूतः सः ।। २४१।। गुजराती अनुवाद : चित्रपटमा आलेखेल मात्र तेना दर्शनथी सखीजन ने आनंद पेदा थयो तो हवे अमृत समान ते कुमार प्रत्यक्ष दर्शनीय छे.

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